ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास एक बार फिर सक्रिय राजनीति में उतर सकते हैं। कार्यकर्ताओं से बातचीत में उन्होंने इस बात के संकेत दिए हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास 27 दिसंबर को बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में एक बार फिर पार्टी की सदस्यता लेंगे। माना जा रहा है कि उन्हें झारखंड बीजेपी अध्यक्ष पद की कमान दी जा सकती है। दास के गुरुवार को झारखंड वापस लौटने की संभावना है । इस दौरान पर रांची हवाई अड्डे पर अपनी योजनाओं के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब भी देंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा

रघुवर दास के राष्ट्रीय राजनीति में जाने की भी चर्चा हो रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक रघुवर दास के बीजेपी में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व उन्हें झारखंड के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपेगा। हालांकि, कुछ अन्य लोगों ने राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका का सुझाव दिया। बुधवार को जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए पुरी आए दास ने मीडिया से कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उनके भविष्य का फैसला करेगा। रघुवर दास ने कहा कि “मैं एक आम मजदूर परिवार से आता हूं। बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर मैंने विभिन्न पदों पर काम किया है। मुझे झारखंड के लोगों की सेवा करने का मौका दिया गया है। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, मैं उसका निर्वहन करूंगा।”

खबर के मुताबिक रघुवर दास का इस्तीफा झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले ही होना था लेकिन आलाकमान ने तय किया था कि चुनाव के दौरान राजनीति में उनकी इंट्री से नेतृत्व को लेकर कई कयास लगाए जा सकते थे। रघुवर दास को लेकर कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है। खासकर आगामी दिल्ली और बिहार चुनावों को देखते हुए जहां ओबीसी मतदाता महत्वपूर्ण हैं। रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू भी इस बार जमशेदपुर पूर्व से पहली बार विधायक बनी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने ससुर के लिए रास्ता बनाने के लिए सीट छोड़ देंगी। उन्होंने कहा कि यह पार्टी पर निर्भर करेगा कि उन्हें जो भी निर्देश मिलेगा, उसका पालन करने के लिए वह तैयार हैं।

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बेटे को लेकर लगे थे आरोप

रघुवर दास अपने 14 महीने के कार्यकाल के दौरान बीजद के नेतृत्व वाले विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। उन पर आरोप लगे थे कि उनके बेटे ललित कुमार दास ने ओडिशा राजभवन में तैनात एक सरकारी कर्मचारी के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। बैकुंठ प्रधान ने दावा किया कि इस साल जुलाई में दास के बेटे और पांच अन्य लोगों ने उन्हें लेने के लिए पुरी में वाहन नहीं भेजने पर उन पर हमला किया था।