मुलायम सिंह यादव का परिवार राजनीतिक महत्‍वाकांक्षा की लड़ाई में उलझा हुआ है। एक ओर अखिलेश यादव हैं तो दूसरी ओर शिवपाल यादव। अखिलेश जहां उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री हैं। वे चाहते हैं पिता का उत्‍तराधिकार उन्‍हें ही मिले। वहीं शिवपाल बड़े भार्इ के साथ किए गए संघर्ष को याद दिलाकर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच एक छुपी हुई वजह और है। यह है मुलायम की दूसरी पत्‍नी साधना गुप्‍ता। साधना अपने बेटे प्रतीक को आगे बढ़ाना चाहती हैं। शिवपाल भी इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। बता दें कि मुलायम सिंह और साधना गुप्‍ता के रिश्ते की खबर सबसे पहले शिवपाल को ही लगी थी। साधना गुप्‍ता यादव के मन में लंबे समय से मलाल है कि उनके बेटे प्रतीक यादव को राजनीति में शामिल नहीं होने दिया गया। राजनीति के बजाय प्रतीक को बॉडी बिल्डिंग जिम का काम देखना पड़ रहा है। प्रतीक की पत्‍नी अपर्णा भी अपने पति व खुद को लेकर महत्‍वाकांक्षी हैं। अपर्णा को उनकी मां अम्‍बी बिष्‍ट इस बात के लिए प्रेरित भी कर रही हैं।

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मुलायम सिंह यादव और साधना गुप्‍ता की मुलाकात 1989 में हुई थी। उस समय प्रतीक 1 साल का था। साधना की पहली शादी फर्रुखाबाद के एक पंसारी चंद्र प्रकाश गुप्ता से 1986 में हुई थी। बाद में साधना को सचिवालय में लिपिक का काम मिल गया और 1990 में उन्होंने पति से तलाक ले लिया। साधना को मुलायम सिंह के साथ सबसे पहले 1999 में लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम के दौरान देखा गया था। साधना अक्सर मीडिया की नजर से दूर ही रही हैं। मुलायम सिंह की पहली शादी 18 वर्ष की उम्र में मालती देवी से हुई थी। मालती अस्थमा से पीड़ित थीं और 2003 में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मौत के चार साल बाद, 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति से संबंधित मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया। इसमें उन्होंने साधना गुप्ता को पत्नी और प्रतीक को पुत्र के रूप में स्वीकार किया।

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अपर्णा कई बार राजनीतिक मंचों पर नजर आईं। एक बार तो उनके भाजपा के साथ जाने की भी खबरें आई थीं।

 

प्रतीक राजनीति से दूर हैं। वे बॉडी बिल्‍डर हैं और मुलायम सिंह यादव की तरह ही पहलवानी भी करते हैं। साथ ही वे जानवरों के अधिकारों के लिए भी काम करते हैं। लखनऊ में उनका रियल इस्‍टेट और जिम का कारोबार है। खबरों के अनुसार 11 साल की उम्र में प्रतीक का वजन एक स्‍टेरॉयड इंजेक्शन के चलते 103 किलो हो गया था। इसके बाद वे बॉडी बिल्डिंग में आ गए। 23 साल की उम्र में उन्‍होंने अपर्णा बिष्‍ट से शादी की। शादी से पहले दोनों लंबे समय तक रिलेशन में रहे थे। उनकी शादी में अमिताभ बच्‍चन और अनिल अंबानी जैसी हस्तियां भी शामिल हुए थे। दोनों की एक तीन साल की बेटी है। 2012 में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रतीक को 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए आजमगढ़ से टिकट देने की मांग की थी। बताया जाता है कि इसके पीछे उनकी मां साधना गुप्‍ता और चाचा शिवपाल यादव का हाथ था। प्रतीक ने खुद कभी राजनीति में आने की इच्‍छा जाहिर नहीं की। हालांकि उनकी पत्‍नी अपर्णा कई बार राजनीतिक मंचों पर नजर आईं। एक बारगी तो उनके भाजपा के साथ जाने की भी खबरें आई थीं। अपर्णा को अगले साल होने वाले चुनावों के लिए लखनऊ कैंट से टिकट दिया गया है। वे नरेंद्र मोदी की भी तारीफ कर चुकी हैं।

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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अपर्णा को टिकट देकर खुश करने का प्रयास किया गया है। यादव परिवार के बाकी सदस्‍यों को जहां सुरक्षित सीटों से उतारा गया था। वहीं अपर्णा को जिस सीट से टिकट मिला है वह सपा के लिए चुनौतीपूर्ण सीट है। उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष रह चुकीं और अब भाजपा की सदस्‍य रीता बहुगुणा जोशी यहां से विधायक हैं। इस सीट पर ब्राह्मण, वैश्‍य और दलितों का दबदबा है। पिछले चुनाव में यहां पर सपा चौथे नंबर पर रही थी। सपा यहां कभी नहीं जीती है।

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