इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े मुबई के एक शख्स ने सीरियल ब्लास्ट करने के लिए दी गई विस्फोटक सामग्री को दिल्ली में नाले में बहा दिया था। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार अंतिम समय में वह शख्स डर गया था। सूत्रों ने बताया कि मोहम्मद हुसैन खान को पिछले साल एनआईए ने संयुक्त अभियान में जनवरी में गिरफ्तार किया था। वह आईएस से जुड़ा हुआ था। उसने स्वीकार किया कि उसे दिल्ली में एक व्यक्ति ने डेढ़ किलो पेंटाइरिथ्रिटॉल ट्रेटानाइट्रेट दिया था। अधिकारी ने बताया,’ दिल्ली में पुलिस की मौजूदगी के चलते खान घबरा गया और उसने विस्फोटक नाले में फेंक दिया। इसके बाद वह ट्रेन से मुंबई चला गया।’
खान मझगांव का रहने वाला है और व्यापारी है। सूत्रों के अनुसार उसने यह भी खुलासा किया कि उसे एक अन्य गिरफ्तार आरोपी मुद्दबीर शेख ने 50 हजार रुपये दिए थे। उसे यह रकम विस्फोटक सामग्री के लिए चुकाने के लिए दिए गए थे। खान ने पूछताछ में बताया कि उसने संदिग्ध हैंडलर शफी अरमार के आदेश पर विस्फोटक सामग्री ली थी। वह आईएस के भारतीय मॉड्यूल का विदेशी हैंडलर है। सूत्रों के अनुसार शफी इंडियन मुजाहिदीन के पूर्व सदस्य सुल्तान अरमार का भाई है। सुल्तान ने अगस्त 2014 में अलग होकर अंसार उल तावहिद बनाई थी। बताया जाता है कि सुल्तान 2014 में सीरिया में हवाई हमलों में मारा गया।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,’ शफी उर्फ युसुफ आतंकियों की भर्ती, विस्फोटकों के लेन-देन और हवाला कारोबार के लिए अपने पुराने आईएम कॉन्टेक्ट्स का उपयोग करता है। एक बातचीत में खान को बताया गया था कि वह विस्फोटक मुंबर्इ लाए जहां उसे तैयारा किया जाए। इसके बाद अन्य सदस्य एक ही समय पर अलग-अलग जगहों पर हमलों को अंजाम दें।’ एक अन्य अधिकारी के अनुसार,’2008 में मुंबई पुलिस के इंडियन मुजाहिदीन पर कार्रवाई के बाद कई इसके कई सदस्य भूमिगत हो गए। पुलिस की कार्रवाई में 21 सदस्य गिरफ्तार किए गए। साथ ही उसके मुखिया यासिन भटकल को पकड़ लिया गया था।’ सूत्रों के अनुसार जनवरी में संदिग्ध आतंकियों के पकड़े जाने के दौरान शेख के घर से टाइमर डिवाइसेज भी जब्त की गई थी। उन्होंने बताया कि हैदराबाद से एक अन्य आरोपी के घर से पांच बोतल हाइड्रोजन पेरोक्साइड, टाइमर डिवाइसेज और तार जब्त किए गए थे।
सूत्रों के अनुसार,’पिछले साल ये आईएस सदस्य एक अन्य गिरफ्तार आरोपी रिजवान नवाजुद्दीन के लखनऊ स्थित घर पर मिले थे। वह इस ग्रुप का सैकंड इन कमांड है। लेकिन इस बैठक में हमलों को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी। रिजवान चाहता था कि लॉन वूल्फ या एकल हमले किए जाए जबकि शेख मल्टीपल हमले चाहता था। बाद में शेख के निर्णय को माना गया और महाराष्ट्र व गोवा में रैकी की गई। इसी मीटिंग में शेख ने खान को 150 फर्जी सिम कार्ड की व्यवस्था करने को भी कहा था।