समाजवादी पार्टी से निष्काषित नेता और मुलायम सिंह यादव के भाई, रामगोपाल यादव ने उप चुनाव आयुक्त से मुलाकात की है। बैठक में उन्होंने एक राजनैतिक पार्टी को रजिस्टर कराने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली है। रामगोपाल के इस कदम से समाजवादी पार्टी के सिपहसालारों की परेशानी बढ़ गई है। रेडिफ डॉट कॉम के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के खेमे, खासतौर से अमर सिंह ने तुरंत चुनाव आयोग में अपने सूत्रों से संपर्क कर रामगोपाल की मुलाकात की वजहें पता करने की कोशिश की। राजनैतिक पार्टी रजिस्टर कराने में कानूनी पेचदगियों को समझने के लिए रामगोपाल अपने साथ सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को साथ लेकर गए थे। समाजवादी पार्टी गहरे पारिवारिक संकट के दाैर से गुजार रही है, जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पिता मुलायम सिंह यादव अलग-अलग छोर पर खड़े हैं। पार्टी के भीतर इस बात पर लोग बंटे हुए हैं कि क्या इस कदम के पीछे अखिलेश यादव हैं या रामगोपाल यादव नई पार्टी बनाने की कवायद में जुटे हैं। मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के प्रभाव और राजनैतिक दखल के विरोध में रामगोपाल आगे आए थे। दिल्ली के राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि जल्द ही अखिलेश की राजनैतिक पार्टी लॉन्च की जाएगी। रविवार को मुलायम ने अखिलेश का समर्थन कर रहे रामगाेपाल को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
आखिर कौन है समाजवादी पार्टी की कलह के पीछे, देखें वीडियो:
रामगोपाल यादव ने पार्टी अध्यक्ष को खुला पत्र लिखकर कहा था कि मुलायम ‘राक्षसी ताकतों से घिरे’ हुए हैं। पत्र में रामगोपाल ने लिखा, ”पार्टी से निकाले जाने से दुखी नहीं हूं लेकिन चोट मुझपर लगाए गए आरोपों से पहुंची है। लोकतंत्र में दूसरी पार्टी के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं है। चाहे मैं सपा में रहूं या न रहूं, मैं अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने तक उनका समर्थन करता रहूंगा। मुलायम सिंह यादव न सिर्फ मेरे बड़े भाई है, बल्कि राजनीति में मेरे ‘गुरु’ भी हैं, फिलहाल राक्षसी ताकतों से घिरे हुए हैं।”
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह अब एक गठबंधन पर जोर दे रहे हैं, जिससे उनकी पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनावों में पिछड़ी और अल्पसंख्यकों के वोट मिल सकें। भाजपा और मायावती की बसपा को टक्कर देने के लिए मुलायम ने कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आरएलडी व अन्य छोटे दलों को साथ लाने की याेजना बनाई है। इसके लिए मुलायम ने शिवपाल को दिल्ली भेजकर अन्य पार्टियों के नेताओं से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यादव ने