जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के मुद्दे पर बुधवार को एक टीवी डिबेट में CRPF के रिटायर्ड आईजी आर.के सिंह अपना आपा खो बैठे। पैनल में बैठे वकील इरफान हाफिज़ लोन को उन्होंने क्रिमिनल और कट्टरपंथी तक करार दे दिया। कहा कि ये लोग चरमपंथियों का ऊपरी चेहरा और ये उनकी भाषा बोलते हैं। उनका बचाव करते हैं।

मामला हिंदी चैनल आज तक के डिबेट शो से जुड़ा है। कार्यक्रम में इन दोनों के अलावा एंकर अंजना ओम कश्यप सहित कुछ और पैनलिस्ट थे। आतंक के सफाए को लेकर बात हो रही थी। लोन ने अपनी बात रखी, जिसके बाद रिटायर्ड आईजी के बोलने की बारी आई। उन्होंने कहा, “ये लोग कट्टरपंथियों को पीछे से समर्थन देते हैं। जो भी घटना होती है, उसे तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं। ये उससे ऐसा चेहरा दिखाने की कोशिश करते हैं, ताकि लगे कि सुरक्षाबल और सरकार इनके खिलाफ है और गलत काम कर रही है। हमारा चेहरा इंसानियत का है और हम हमेशा उसी का पालन करते हैं।

बकौल पूर्व आईजी, “ये लोग इसलिए परेशान हैं, क्योंकि हम हावी हो चुके हैं। कारण- आज कट्टरपंथ बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। ये सिर उठाने लायक नहीं है। ऐसे में ये ऐसे काम करेंगे, ताकि ये हम पर स्कोर कर सके। ये लोन और सईद साहब देश विरोधी हैं। ये जब भी बोलेंगे पाकिस्तान की तरफ से बोलेंगे। ये कट्टरपंथियों को सपोर्ट करते हैं। जैसे दीया बुझने पर भभकता है, वैसे ही ये भी भभक रहा है।”

उन्होंने कहा, “अब आतंकी मारे जा रहे हैं। इनके पास कोई बचेगा नहीं, ऐसे में इनका कश्मीर में खेल खत्म हो जाएगा। अली शाह गिलानी ने क्यों इस्तीफा दिया? उसे मालूम है कि दिन लद गए हैं। वह इंटेलिजेंस को दिखाता था कि भारत की ओर से है, जबकि पाकिस्तान से भी वह पैसे लेता था। लड़कों को भड़काता था। अब उसे मालूम है कि लड़के ही नहीं होंगे, तो क्या करेगा। इसलिए चुपके से इस्तीफा दे दिया।”

वह बोले, “ये तो क्रिमिनल हैं। ये खुद को वकील कहते हैं, पर ये लोग अपराधी हैं। कट्टरपंथी टीवी पर आकर नहीं बोल सकते हैं, इसलिए ये सब लोग उन चरमपंथियों की ओर से बोलते हैं। ये मिलिटेंट के फ्रंट फेस हैं और ये उन्हें बचाते हैं। हमारी सरकार ने जो ऐक्शन लिया है, वह बताता है कि इन लोगों की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है।”