टीडीआर का मतलब होता है टिकट डिपोजिट रीसिप्ट। इसका इस्तेमाल टिकट कैंसिलेशन के लिए किया जाता है। टिकट कैंसिल करा कर रकम का रीफंड लेने के लिए टीडीआर फाइल किया जाता है। वहीं इससे जुड़े कई ऐसे नियम-कानून हैं जिनसे आप शायद ही वाकिफ हों या फिर अधूरी जानकारी हो। तो आइए जानते हैं टीडीआर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब।
टिकट कैंसिलेशन में क्या है TDR?
जैसा की हमने शुरू में बताया टीडीआर का मतलब होता है टिकट डिपोजिट रीसिप्ट। रीफंड के लिए रेलवे द्वारा इसे जारी किया जाता है। वहीं I-ticket के मामले में इसे रेलवे अथॉरिटी जारी करती है। I-ticket की बुकिंग आप ऑनलाइन करा सकते हैं लेकिन यह टिकट आपको कागज (हार्डकॉपी) के रूप में मिलेगा। I-ticket आपको कोरियर या पोस्ट के जरिए मिलता है और इसकी कैंसिलिंग के लिए आपको काउंटर पर जाने की जरूरत होती है। दूसरी तरफ E-ticket के कैंसिलेशन के मामले में औपको टीडीआर फाइलिंग का ऑनलाइन प्रॉसेस फॉलो करना होगा। इसके लिए ग्राहक को IRCTC की सुविधाओं का सहारा लेना पड़ेगा।
TDR कब फाइल किया जाता है?
टीडीआर आप अपनी यात्रा से पहले या फिर यात्रा शुरू होने के एक घंटे के भीतर फाइल कर सकते हैं। वहीं रीफंड प्रॉसेस को लगभग 60 दिन या फिर उससे ज्यादा भी लग सकते हैं। वहीं चार्ट बन जाने के बाद E-ticket की रीफंड अर्जी ऑनलाइन डाली जा सकती है।
तत्काल ट्रेन टिकट को कैंसल कराया जा सकता है?
तत्काल टिकट को कैंसिल कराया जा सकता है लेकिन इससे जुड़े नियम अलग है। E-ticket के जरिए बुक किेए गए तत्काल कन्फर्म टिकट की कैंसिलेशन पर कोई रीफंड नहीं मिलता। वहीं वेटिंगलिस्ट तत्काल टिकट की कैंसिलेशन पर रीफंड कुछ चार्जिस के काटने के बाद किया जाएगा। यह चार्जिस रेलवे नियमों के मुताबिक काटे जाएंगे।
IRCTC से रीफंड में कितना समय लगता है?
IRCTC से रीफंड मिलने में 2 से 4 दिन का समय लगता है। वहीं कई बार इस प्रॉसेस में 6 से 8 दिन तक भी लग जाते हैं। रीफंड की रकम आपके बैंक खाते में पहुंचने में इतना समय लग जाता है। हालांकि कई बार यह समय सीमा 10 दिन तक की भी हो सकती है।