IRCTC: अनजान एजेंट्स के जरिए अब तक रेल टिकट बुक करते आए हैं, तो अब जरा सावधान हो जाएं। सफर के दौरान ट्रेन में या उससे पहले आपको झटका लग सकता है, जिससे न केवल आप फर्जीवाड़े का शिकार होंगे बल्कि असुविधा का भी सामना करेंगे। दरअसल, हाल ही में कन्फर्म टिकट के नाम पर कुछ एजेंट्स द्वारा फर्जी आईडी के जरिए भारतीय रेल की टिकेटिंग, केटरिंग और टूरिज्म इकाई आईआरसीटीसी की साइट से टिकट बुक करने के मामले सामने आए हैं। इनमें यात्रियों से टिकट के पैसे के अलावा कमीशन के तौर पर करीब 500 रुपए या उससे अधिक रकम (प्रति टिकट) अतिरिक्त ली गई, जबकि ट्रेन खुलने या गाड़ी में पहुंचने पर यात्रियों को पता चला कि उनके कन्फर्म टिकट कैंसल कर दिए गए। यानी एजेंट द्वारा यात्रियों से टिकट की रकम और कमीशन भी ले लिया गया और उन्हें सीट भी नहीं मिली।
पहला मामलाः पश्चिम बंगाल में कस्बा निवासी सौमित्र रॉय परिवार के पांच लोगों के साथ दार्जिलिंग और दुआर्स घूमने गए थे। थकाऊ टूर के बाद उन्हें आराम से घर (नई जलपाईगुड़ी) पहुंचने की उम्मीद थी, क्योंकि उन्हें तीस्ता तोरसा एक्सप्रेस में ‘कन्फर्म’ टिकट मिले थे। ये टिकट उन्होंने ऐसे किसी एजेंट से बुक कराए थे, पर ट्रेन में पहुंचने पर वह और उनका परिवार हैरान रह गया।
रॉय ने इस बाबत एक अंग्रेजी अखबार से कहा, “मैंने फौरन 139 पर हमारे पीएनआर नंबर मैसेज कर दिए थे। हम यह जानकर हैरान थे कि हमारे टिकट रद्द कर दिए गए थे। मैंने उस एजेंट को भी कॉल करने की कोशिश की, जिससे टिकट बुक कराया था। पर उसका फोन बंद था। हमारे पास ट्रेन में रहने के सिवाय और कोई चारा नहीं बचा। हालांकि, ई-टिकट का प्रिंटआउट दिखाने पर टीटीई थोड़े मददगार रहे, पर वह हमें सीट न दिला पाए। यहां तक कि उन्हें भी नहीं पता था कि आखिर टिकट रद्द कैसे हुए। पर उन्होंने हमें ट्रेन में टॉयलेट्स के पास वाली खाली जगह पर रहने दिया।”
घर आने पर रॉय मामले की शिकायत को लेकर एजेंट के दफ्तर पहुंचे, तो वहां ताला लटका मिला। स्थानीय लोगों से पता लगा कि उस एजेंट के यहां छापेमारी हुई थी, क्योंकि वह फर्जी आईडी के आधार पर आईआरसीटीसी की साइट से लोगों के टिकट बुक किया करता था। रॉय के टिकट भी कुछ वैसी ही आईडी के जरिए बुक किए गए थे, जो कि बाद में कैंसल कर दिए गए। एजेंट ने उनसे प्रति टिकट के हिसाब से 500 रुपए अतिरिक्त लिए थे।
दूसरा मामलाः ऐसे ही फर्जीवाड़े के शिकार जेसोर रोड निवासी राजीव सरकार भी हुए। उन्होंने अराकू से विशाखापत्तनम तक चेन्नई मेल के टिकट किसी एजेंट से कराए थे, जो कि पहले तो ‘कन्फर्म’ बताए गए, पर बाद में वे कैंसल कर दिए गए। अच्छी बात रही कि उन्होंने स्टेशन पहुंचने से पहले स्टेटस चेक कर लिया था। अगले दिन मजबूरी में उन्हें तत्काल टिकट पर सफर करना पड़ा, जबकि जिस एजेंट से उन्होंने टिकट बुक कराए थे उसका अता-पता न मिला।
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क्या कहना है रेलवे का?: उधर, रेल अधिकारियों का इन मामलों पर कहना था कि वे लगातार जागरूकता अभियान चलाते रहते हैं। हम इसके अलावा लोगों से अपील भी करते हैं वे अनाधिकृत (रेलवे या आईआरसीटीसी से) एजेंट्स से टिकट न बुक कराएं। ऐसे ‘फर्जी’ एजेंट्स की सूची हमारे समय-समय पर हमारी ओर से जारी की जाती रहती है, जबकि इसे ऑनलाइन भी चेक किया जा सकता है। इसी बीच, शनिवार को जगह-जगह छापेमारी हुई थीं, जिनमें लगभग 2.7 लाख रुपए के 107 ई-टिकेट्स ऐसे एजेंट्स से बरामद किए गए थे।