IRCTC Indian Railways: भारतीय रेलवे में लंबी दूरी की यात्रा के दौरान करीब एक साल पहले छे़ड़खानी का शिकार हुई एक महिला ने ट्विटर के जरिए लोगों को बताया है कि ऐसी स्थिति में किस तरह से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है और कैसे कोर्ट में अपने केस की पैरवी करें। करीब चार हजार बार रिट्वीट किए जा चुके ट्वीट में महिला ने बताया कि आम धारणा है कि महिलाओं को सुनवाई के लिए बार-बार अदालत जाना पड़ता है, मगर यह सच नहीं है। महिला ने बताया कि उसे एक केस के मामले में सुनवाई के लिए अदालत जाना था।

उसने बताया कि कानून प्रवर्तन अधिकारी एक महिला को अपना मामला वापस लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। 26 वर्षीय महिला ने टीओआई को बताया, ‘मैं अभी भी उस मामले में अदालत के आदेश का इंतजार कर रही हूं जो मैंने दायर किया था। लेकिन मैंने सोचा कि यह सब लिखना उन लोगों की मदद करने में सक्षम हो सकता है जो पूरी प्रक्रिया से गुजरने से डरते हैं।’

जानना चाहिए कि छेड़खानी की घटना महिला संग दिसंबर 2018 में उस वक्त घटी जब वह दिल्ली से बाहर की यात्रा पर थी। महिला ने अपनी पोस्ट में बताया, ‘नशे में धुत्त मेरे सह-यात्री ने मुझसे छेड़छाड़ की। ऐसे में पहला काम आप क्या करें? सबसे पहले पहली बात यह है कि आप अपने आस-पास के लोगों को चिल्लाएं और सचेत करें क्योंकि वे संभावित गवाह हैं। यहां तक ​कि अगर वो आपकी मदद नहीं करते हैं, तो वे जानते हैं कि ऐसा कुछ हुआ है। महिला ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, ‘मैंने पेंट्री वाले को पुलिस या टिकट चेकर को फोन करने के लिए कहा। आरपीएफ आ गई …और केबिन के बाहर खड़े शख्स को ले जाया गया।

26 वर्षीय महिला ने अपनी पोस्ट में आगे बताया, ‘इसके बाद में रेलवे अधिकारियों के साथ अगले स्टेशन पर उतर गई। मुझे मालूम था कि मेरे साथ यह अनुभव काफी खराब हो सकता है मगर आपको समझने की जरुरत है कि सबकुछ कागज पर लिखें। हर रेलवे स्टेशन पर एक पुलिस स्टेशन होता है और इनमें से किसी एक पुलिस स्टेशन पर जाएं और बताइए कि आप एफआईआर दर्ज कराना चाहते हैं। एफआईआर दर्ज किए बिना स्टेशन से नहीं जाएं। मैं भी पुलिस स्टेशन में करीब तीन घंटा तक रुकी क्योंकि वो मुझसे बातचीत कर रहे थे। मगर मैंने हार नहीं माने।’

पोस्ट में महिला ने आगे लिखा, ‘अगर पुलिस आपकी एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दे तो कंट्रोल रूम को फोन करें। अपने बयान की एक कॉपी जरूर लें और पुलिस को उनके हस्ताक्षर या मोहर लगाने के लिए कहें ताकि उन्हें सनद रहे कि आपकी शिकायत मिली है।’ महिला ने आगे बताया कि उसे अगले दिन पुलिस स्टेशन बुलाया गया और चार्ज वापस लेने को कहा गया। महिला ने कहा कि आप ऐसा नहीं करें।

उसने कहा, ‘तीसरे दिन मुझे कोर्ट ले जाया गया। यहां जज ने झूठे केस के लिए परिणाम भुगतने को तैयार रहने की चेतवानी दी। इसलिए आपको कोर्ट में जाने से पहले अपने बयान और गवाहों के नाम सही-सही पता हों। इस बात को भी सुनिश्चित करें कि घटना की जानकारी आपने अपने दोस्तों और परिवार को दी हो। इसलिए भविष्य ये भी आपके गवाह हो सकते हैं।’ महिला ने पोस्ट में लिखा, ‘आपको सिर्फ एक बार कोर्ट में सुनवाई के लिए जाना होगा। हालांकि इसमें पूरा दिन लग सकता है।’