IPS Officer Puran Kumar Death Case: आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में मौजूद उनके आवास पर पर आत्महत्या कर ली गई थी। उनके परिवार ने शनिवार को कहा कि उन्हें न्याय नहीं मिला है। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के भाई अमित रतन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “एक एडीजीपी लेवल के अधिकारी की मृत्यु हो गई है। पांच दिन हो गए हैं और हमें अभी तक इंसाफ नहीं मिला है।”

कुमार द्वारा अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मारने से पहले छोड़े गए आखिरी नोट के आधार पर सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है। कथित नोट में उन्होंने नौ आईपीएस अधिकारियों, एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और तीन रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों का नाम लिया था और उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया था।

इसके बाद अमनीत ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया की गिरफ्तारी की मांग की थी। मामले की जांच के लिए आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार के नेतृत्व में छह सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। अमनीत ने मांग की थी कि आरोपियों के नाम एफआईआर के कॉलम नंबर 7 में दर्ज किए जाएं और डीजीपी कपूर और एसपी बिजारनिया को तुरंत उनके पदों से हटाकर गिरफ्तार किया जाए। हालांकि, हरियाणा सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है।

एसपी नरेंद्र बिजारनिया का ट्रांसफर

हरियाणा सरकार ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की मौत के बाद शनिवार को रोहतक के एसपी नरेन्द्र बिजारनिया का ट्रांसफर कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कुमार के परिवार की ओर से दबाव बनाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। कुमार ने सुसाइड नोट में कुछ अधिकारियों का नाम लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। नोट में बिजारनिया सहित आठ वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर ‘‘जाति-आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार” का आरोप लगाया गया था।

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एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया है और बिजारनिया की नियुक्ति का आदेश अलग से जारी किया जाएगा। बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार ने हरियाणा के डीजीपी (शत्रुजीत कपूर) और रोहतक के एसपी (बिजारनिया) के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी एवं एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

परिवार की मंजूरी के बाद ही पोस्टमार्टम किया जाएगा- एसएसपी

वहीं, चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा, “परिवार की सहमति के बाद पोस्टमार्टम शुरू किया जाएगा। हमें अभी तक परिवार से मैसेज नहीं मिला है। डॉक्टरों की एक टीम यहां मौजूद है। परिवार की सहमति के बिना कुछ नहीं किया जा सकता। जैसे ही हमें परिवार से हरी झंडी मिलेगी, पोस्टमार्टम शुरू हो जाएगा।”

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