अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को उत्तर प्रदेश सरकार ने रिटायर कर दिया है। हालांकि अब अपने एक नए काम से अमिताभ ठाकुर फिर से खबरों में हैं। इस बार, राज्य की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर में अपने घर के बाहर ठाकुर ने एक नेम प्लेट पर जबरिया रिटायर्ड (जबरदस्ती रिटायर) लिखा है। इसकी एक तस्वीर को ठाकुर ने ट्वीट भी किया है। ये तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
ठाकुर को जबरदस्ती वीआरएस दे दिया गया है। उनके साथ दो अन्य IPS अधिकारियों को भी रिटायर किया गया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र की इजाजत के बाद ‘जनहित’ में इन अधिकारियों को रिटायर किया है। राज्य सरकार ने दावा किया कि यह कदम अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के प्रति सरकार की जीरो टोलरेंस की अपनी नीति का एक हिस्सा है। 1992 बैच के अधिकारी ठाकुर के अलावा, 2005 बैच के अधिकारी राकेश शंकर और 2006 बैच के राजेश कृष्ण को रिटायर किया गया है। यह हाल के दिनों में आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
ठाकुर अक्सर विवादों के चलते ही सुर्खियों में रहे हैं। समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ उनका झगड़ा सभी को पता है।उन्होंने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ धमकी देने का मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद तत्कालीन सपा सरकार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
वह कई अन्य विवादों में भी शामिल रहे हैं, जिसमें एक असंगत संपत्ति का मामला भी शामिल है। इससे पहले अमिताभ ठाकुर को दो बार निलंबित भी किया जा चुका है। उन पर लंबित जाँच के चलते उन्हें प्रोमोशन नहीं दिया गया।
अमिताभ ठाकुर कई संवेदनशील मुद्दों पर अपने विवादास्पद बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। ठाकुर को अंतिम बार नियम और मैनुअल विभाग के महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था।
मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले ठाकुर एक लेखक, कवि और आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं। उनके खिलाफ कई विभागीय कार्रवाई भी की गई हैं।
उन्होंने आदित्यनाथ के शासन के दौरान बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ कई बार बात की है।

