INX Media case, P Chidambaram, Tihar Jail: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को दिल्ली की अदालत में एक याचिका लगाई। याचिका में चिदंबरम ने मांग की कि उन्हें तिहाड़ जेल के अधिकारी इस बात की इजाजत दें कि रोजाना कम से कम एक वक्त उन्हें घर का बना खाना मिले। यह याचिका स्पेशल जज अजय कुमार कुहर के समक्ष लगाई गई। जज ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि चिदंबरम को 3 अक्टूबर को तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि उस वक्त चिदंबरम के वकील उन्हें घर का पका खाना खाने की इजाजत दिए जाने की मांग करेंगे। बता दें कि चिदंबरम की जुडिशल कस्टडी को अदालत ने उस वक्त बढ़ा दी जब उसे जानकारी दी गई कि आईएनएक्स मीडिया केस में जांच अभी भी जारी है।

बता दें कि जब चिदंबरम को 19 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया था तो उस वक्त एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा था कि उनके मुवक्किल के लिए जेल में बैठने को चेयर नहीं है और उनका तकिया भी ले लिया गया है। इसकी वजह से उनको पीठ में समस्या हो गई है। चिदंबरम की तरफ से जज को बताया गया कि पहले सेल के बाहर हॉल में दो या तीन कुर्सियां पड़ी रहती थीं, जहां वह वार्डन के साथ बैठ जाते लेकिन बाद में चेयर हटा लिए गए। चिदंबरम के वकील ने यह भी कहा कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का इलाज चल रहा है और वह बहुत सारी बीमारियों मसलन- कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हाइपरटेंशन, इम्पेयर्ड ग्लाईसीमिया आदि से ग्रसित हैं। इसके अलावा, हिरासत में उनका वजन भी कम हो गया है।

बता दें कि इससे पहले सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने चिदंबरम को यह कहकर आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत देने से मना कर दिया कि गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। जस्टिस सुरेश कैत ने कांग्रेस नेता को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह गृह मंत्री और वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहे, वर्तमान में संसद के सदस्य हैं और लंबे समय से वकील हैं। बता दें कि चिदंबरम (74) सीबीआई द्वारा 21 अगस्त को गिरफ्तार किए जाने के बाद से हिरासत में हैं।

अदालत ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर तीन आधार पर फैसला किया। इसमें व्यक्ति के देश से बाहर भाग जाने, सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने के विषय पर विचार किया गया। सीबीआई द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री के विदेश भाग जाने का मुद्दा उठाए जाने पर अदालत ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि चिदंबरम ने भारत से कभी भागने की कोशिश की और उनके खिलाफ प्राधिकारी पहले ही ‘लुकआउट सर्कुलर ’ जारी कर चुके हैं।

(भाषा इनपुट्स के साथ)