INX Media Scam Case में मुख्यारोपी, पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी.चिदंबरम बुधवार (21 अगस्त, 2019) देर रात करीब 10 बजे गिरफ्तार कर लिए गए। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अरेस्ट वॉरंट ले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस की टीमों के साथ रात नौ बजे उनके घर पहुंची थी। हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच जांच टीम दीवार फांदकर उनके घर में घुसी थी, जिसके बाद अधिकारियों ने कुछ देर चिदंबरम से पूछताछ की। हालांकि, इसके कुछ ही देर बाद उन्हें वहां से सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया।

दरअसल, चिदंबरम इस मामले में सीबीआई और ईडी के रडार पर थे। उनके खिलाफ इन दोनों ही एजेंसियों ने लुकआउट नोटिस जारी किया था, जबकि वह मंगलवार शाम से पूर्व केंद्रीय मंत्री अंडरग्राउंड चल रहे थे। इसी को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा थी कि चिदंबरम भाग रहे हैं तभी बुधवार शाम अचानक से वह कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपना पक्ष रखा।

पार्टी नेता और सुप्रीम कोर्ट में उनके वकील (इस मामले में) कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के साथ उन्होंने की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह कानून से भाग नहीं रहे हैं, बल्कि वह आजादी और जीवन में आजादी चुन रहे हैं। उन्होंने आगे इस बात पर भी जोर दिया कि जांच एजेंसियों को शुक्रवार तक का इंतजार करना चाहिए।

नई दिल्ली में बुधवार शाम एआईसीसी मुख्यालय पर पीसी करते हुए पी.चिदंबरम (बीच में)। साथ में पार्टी नेता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी। (फोटोः पीटीआई)

दरअसल, आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले को लेकर फंसे चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया था। हालांकि, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। मामले की सुनवाई के लिए 23 तारीख मिली थी, इसलिए चिदंबरम ने एजेंसियों को शुक्रवार तक रुकने के लिए कहा था।

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने पर सीबीआई और ईडी अधिकारी मंगलवार रात चिदंबरम के घर पहुंचे थे, पर वह वहां नही मिले। जांच टीमों ने इसके बाद वहां नोटिस चस्पाए, जिसमें चिदंबरम को सीबीआई और ईडी के सामने पेश होने के निर्देश दिए गए थे।

Chidambaram INX Media Case Live Updates: चिदंबरम के खिलाफ जारी हुआ लुकआउट नोटिस, दिल्ली से बाहर जाने पर भी लगी रोक

जानें क्या है आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामलाः आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में सीबीआई और ईडी का आरोप है कि 13 मार्च, 2007 को INX मीडिया ने फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) से 4.62 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की अनुमति मांगी। यह विदेशी निवेश मॉरिशस की तीन कंपनियों से आना था। इसके अलावा INX मीडिया में अन्य स्त्रोतों से डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट की भी अनुमति मांगी गई।

30 मई, 2007 को FIPB ने आईएनएक्स मीडिया को 4.62 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की अनुमति दे दी, लेकिन डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट से आने वाले विदेशी निवेश के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ने इस 4.62 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की मंजूरी लेकर 305 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश लिया। इसके साथ ही आईएनएक्स मीडिया ने अपनी सहयोगी कंपनियों से 26 प्रतिशत डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट भी लिया।

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सीबीआई के अनुसार, आयकर विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी। 26 मई, 2008 को FIPB ने मामले की जानकारी होने पर आईएनएक्स मीडिया से इसका स्पष्टीकरण मांगा। आरोप है कि इस पर पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने FIPB के अधिकारियों को अपने पिता के रसूख का हवाला देकर मामले को सुलझाने का दबाव बनाया। बता दें कि उस वक्त पी.चिदंबरम केन्द्र सरकार में वित्त मंत्री थे।

वहीं इस मामले में ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि कार्ति चिदंबरम द्वारा परोक्ष रुप से नियंत्रित की जा रही कंपनी एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसलटिंग को 15 जुलाई, 2008 में आईएनएक्स मीडिया से 10 लाख रुपए का भुगतान मिला। जांच एजेंसियों ने आईएनएक्स मीडिया की निदेशक इंद्राणी मुखर्जी एक बयान के हवाले से कहा है कि कार्ति चिदंबरम ने 10 लाख रुपए की मांग की थी।