महाराष्ट्र में जैसे-तैसे कड़ी मशक्कत के बाद बनी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं होने के संकेत मिले हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंत्रियों के बीच मनभेद खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ‘महा विकास अघाड़ी समन्वय समिति’ बनाने का फैसला लिया है। हाल ही में शिवसेना नेता संजय राउत और कांग्रेसी नेताओं के बीच जबर्दस्त टकराव देखने को मिला था। राउत के बयान से कांग्रेस नेता कई मौकों पर असहज हो गए। कांग्रेस की तरफ से राउत के बयानों पर लगाम कसने की भी मांग की गई है।

कांग्रेसी मंत्री का दर्दः एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस कोटे से कैबिनेट मंत्री बने एक नेता ने अपना दर्द जाहिर किया। उनके मुताबिक उन्होंने अपने विभाग की समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को दिशानिर्देश दिए थे। इसके बाद डिप्टी सीएम अजित पवार ने फिर बैठक ली और अधिकारियों को नया आदेश दे दिया, इतना ही नहीं सीएम उद्धव ठाकरे ने भी इसके बाद एक बैठक ली और फिर एक नया आदेश थमा दिया। तीन-तीन नेताओं के अलग-अलग आदेशों से अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में फंस गए हैं।

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संजय राउत के बयान बन रहे मुसीबतः शिवसेना के तेजतर्रार नेताओं में शुमार संजय राउत के बयानों से कांग्रेस खासी असहज है। कई मौकों पर कांग्रेस नेताओं से राउत की जुबानी तकरार खुलकर सामने आ चुकी है। राउत ने इंदिरा गांधी को लेकर भी एक बयान दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने खुलकर हमला बोला था। बाद में राउत को टिप्पणी वापस लेनी पड़ी। इसके बाद सावरकर के मामले में भी तनातनी सामने आई थी।

उद्धव ने यूं की निपटने की तैयारीः प्राप्त जानकारी के मुताबिक आपसी तकरार को कम करने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है। इसमें तीनों दलों के प्रमुख मंत्रियों को भी रखा जाएगा। अलग-अलग विचारधाराओं के दलों के गठबंधन से बनी सरकार पहले ही इस सवाल से लगातार जूझ रही है कि क्या यह समझौता लंबे समय तक कारगर साबित होगा। ऐसे में उद्धव के सामने गठबंधन को बनाए रखने की बड़ी चुनौती है।