“हम हिंदू जगाने आए हैं, हम हिंदू जगा कर जाएंगे”; “चामक रही तलवारें सब की, चमक रहा त्रिशूल है, हिंदू को कमज़ोर न समझो, ये दुश्मन की भूल है” और “हिंदुस्तान में रहना है तो वन्दे मातरम कहना सीखो, और औकात में रहना सीखो।” ये उन गीतों के बोल हैं जो राम मंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित की गई रैली में लाउडस्पीकर से बज रहे थे।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की मयूर विहार इकाई द्वारा यह मोटरबाइक रैली राम मंदिर निधि संग्रह अभियान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निकाली गई थी। अधिकांश बाइक पर भगवा झंडे लहरा रहे थे, इन मोटरसाइकिलों में बिना हेलमेट के तीन-तीन लोग तक बैठे हुए थे। इसके अलावा इस रैली में कुछ महिलाएं भी थी। वे अपने स्कूटर में थी वहीं पीछे ई-रिक्शा में बुजुर्ग, बच्चे और अधिक महिलाएं थीं।

36 वर्षीय मानवेंद्र सिंह सेंगर रैली शुरू होने का उत्साहपूर्वक इंतजार कर रहे बाइकर्स में से एक थे। वह अपने 13 साल के बेटे और 8 साल के भतीजे के साथ आए थे। पानी की टंकी का व्यवसाय चलाने वाले सेंगर एक दशक से स्थानीय आरएसएस इकाई से जुड़े हुए हैं। सेंगर ने कहा “कभी-कभी मैं अपने बेटे को साथ ले जाता हूं। आरएसएस ने हिंदुओं को गौरवान्वित किया है, इसलिए मैं इससे जुड़ा हुआ हूं।”

कार्यदिवसों में व्यस्त, सेंगर रविवार और सार्वजनिक छुट्टियों पर संघ कार्य के लिए समय निकालते हैं। “अब हमारे पास जो काम है वह अधिकतम परिवारों तक पहुंचना है; एक लक्ष्य है कि त्रिलोकपुरी और मयूर विहार के हर घर से संपर्क किया जाए। ”

हफ्ते के बाकी दीनों में व्यस्त रहने वाले सेंगर रविवार और सार्वजनिक छुट्टियों के दिन संघ का काम करते हैं। उन्होने कहा “अब हमारे पास जो काम है वह अधिकतम परिवारों तक पहुंचना है, लक्ष्य है कि त्रिलोकपुरी और मयूर विहार के हर घर से संपर्क किया जाए। ”

जैसे ही रैली संजय झील की ओर बढ़ी, उनके बेटे ने भगवा ध्वज लहराते हुए नारा लगाया “राम जी के काम में जो टांग अड़ाएगा, राम कसम वह लौट नहीं पाय पाएगा।” वीएचपी और बजरंग दल ने अब तक दिल्ली के विभिन्न वार्डों में लगभग 100 ऐसी बाइक रैलियों का आयोजन किया है, 31 जनवरी तक और भी रैलियां आयोजित की जाएंगी जिसके बाद फंड संग्रह अभियान शुरू होगा।