केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि इंटरनेशनल बॉर्डर पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर फेंसिंग का काम किया गया है। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा का 93.25% हिस्सा पूरी तरह फेंस किया जा चुका है, जबकि भारत-बांग्लादेश सीमा का करीब 79% भाग ही फेंस हो पाया है।
मंत्री नित्यानंद राय ने जानकारी दी कि भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर की कुल लंबाई 2,289.66 किलोमीटर है, जिसमें से 2,135.136 किलोमीटर पर फेंसिंग पूरी हो चुकी है। 154.524 किलोमीटर (6.75%) सीमा अब भी बिना फेंसिंग के है।
दूसरी तरफ बांग्लादेश के साथ भारत कुल 4,096.70 किलोमीटर सीमा शेयर करता है। इसमें से 3,239.92 किलोमीटर (79.08%) पर बाड़ लगाई जा चुकी है, लेकिन 856.778 किलोमीटर यानी 20.92 प्रतिशत हिस्सा अभी भी खुला है। गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत–म्यांमार सीमा (1,643 किलोमीटर) पर अब तक केवल 9.214 किलोमीटर में ही फेंसिंग पूरी हो सकी है।
2014 से 2024 तक घुसपैठ के कितने मामले
लोकसभा में गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2024 के बीच भारत की सीमाओं पर घुसपैठ के सबसे अधिक मामले भारत-बांग्लादेश सीमा पर दर्ज किए गए। इस अवधि में हर साल सैकड़ों की संख्या में घुसपैठ के प्रयास सामने आए।
साल 2015, 2022 और 2024 में भारत-बांग्लादेश सीमा पर मामलों की संख्या विशेष रूप से अधिक रही। भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के मामले तुलनात्मक रूप से कम रहे और ज्यादातर वर्षों में यह संख्या 20 से 50 के बीच रही।

भारत-म्यांमार सीमा पर भी हर साल सीमित लेकिन लगातार घुसपैठ के प्रयास दर्ज किए गए। वहीं भारत-नेपाल और भूटान सीमा पर कुछ वर्षों में मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत-चीन सीमा पर इस पूरे कालखंड में एक भी घुसपैठ का मामला दर्ज नहीं हुआ।
इस साल घुसपैठ के कितने मामले?
गृह मंत्रालय के अनुसार, जनवरी 2025 से नवंबर 2025 के बीच भी भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। लगभग हर महीने 80 से 125 के बीच घुसपैठ के प्रयास दर्ज किए गए, जिनमें जुलाई, सितंबर और अक्टूबर के महीने प्रमुख रहे। यह दर्शाता है कि इस सीमा पर निगरानी एक निरंतर चुनौती बनी हुई है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर 2025 में घुसपैठ के प्रयास बेहद सीमित रहे और अधिकांश महीनों में यह संख्या शून्य से पांच के बीच रही। भारत-म्यांमार सीमा पर कुछ महीनों में अपेक्षाकृत अधिक मामले दर्ज किए गए, खासकर मार्च में, जब मामलों की संख्या बढ़ी। भारत-नेपाल और भूटान सीमा पर भी हर महीने कुछ घुसपैठ के मामले सामने आए, हालांकि ये संख्या में कम रहे। सरकार ने दोहराया कि भारत–चीन सीमा पर 2025 में भी कोई घुसपैठ का मामला दर्ज नहीं किया गया।
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