पहलगाम के बाद भारत – पाकिस्तान के बीच जारी तनाव में सिंधु जल संधि का बार – बार जिक्र हो रहा है। सिंधु के पानी को लेकर पाकिस्तान के नेता और पूर्व मंत्री बिलावल जरादारी का बयान आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। अब इस बयान पर रिएक्ट करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि वो बयान देते रहते हैं, उनके बयान से तो हम आगे नहीं चल सकते। हम खुद चाहते हैं कि सिंधु जल संधि पर फिर से विचार हो।

फारूक अब्दुल्ला ने अनंतनाग में मीडिया से बातचीत में कहा, “जहां तक यह सिंधु जल संधि है, हम कब से कह रहे हैं कि इस संधि को फिर से देखना पड़ेगा। हम खुद इससे मुसीबत में हैं और महरूम होते हैं। हमारा दरिया और हम ही महरूम, हम नहीं कहते कि उनके पानी को बंद करें लेकिन हम कहते हैं कि हमारा भी तो हक है…”

उन्होंने आगे कहा, “आज जम्मू में आप देखिए वहां सबसे बड़ी कमी पानी की है और हमने कोशिश की थी कि चिनाब से पानी उनके लिए ले जाएं लेकिन विश्व बैंक ने हमें मदद नहीं की और कहा कि ये तो सिंधु जल संधि में आता है।” फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “आज मौका है, हम वहां से ये पानी जम्मू के लिए लेकर आएं, हम भी तो हकदार हैं इस पानी के, वो ही सिर्फ नहीं हैं। हम हैं हकदार, हम कोई प्रोजेक्ट नहीं बना सकते, उनसे पूछना पड़ता है। हमारे पास बहुत कम बिजली है। हम यहां से अच्छी संख्या में बिजली पैदा कर सकते हैं। वो नहीं देते इजाजत, हम परेशान है।”

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जो डर गया सो मर गया – फारूक अब्दुल्ला

पहलगाम में मीडिया ने जब उनसे पर्यटकों की संख्या में गिरावट से जुड़ा सवाल किया तो उन्होंने कहा कि अब स्थिति सामान्य है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को यहां आना चाहिए। लोगों को डरना नहीं चाहिए… जो डर गया वो मर गया। उन्होंने कहा, ” मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहलगाम, गुलमर्ग, श्रीनगर और कटरा आएं।” इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि हम लोग थक गए हैं आतंकवाद से उसके लिए कोई भी एक्शन पीएम नरेंद्र मोदी लेंगे, वो हमे मंजूर है।

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