Indus Water Treaty: भारत ने वर्ल्ड बैंक के एक्सपर्ट मिशेल लिनो को पत्र लिखा है और आग्रह किया है कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद रतले और किशनगंगा हाईड्रोपावर विवादों पर अपनी कार्रवाई रोक दी जाए। इस बात की जानकारी इंडियन एक्सप्रेस को मिली है। समझा जाता है कि लिनो ने भारत के अनुरोध पर पाकिस्तान के विचार मांगे हैं। इसका इस्लामाबाद ने विरोध किया है।

लिनो दो हाईड्रोपावर से संबंधित 2022 के विवाद को सुन रहे हैं। पहला तो किशनगंगा नदी पर है और दूसरा रतले है। यह चिनाब नदी पर है। फ्रांसीसी डैम इंजीनयर और हाल ही तक बड़े डैम पर इंटरनेशनल कमिशन के अध्यक्ष लिनो को वर्ल्ड बैंक द्वारा 13 अक्टूबर 2022 को सिंधु जल संधि के अनुच्छेद IX और Annexure F के तहत नियुक्त किया गया था।

पाकिस्तान ने जताई आपत्ति

लिनो का काम भारत और पाकिस्तान दोनों का पक्ष सुनना और यह तय करना है कि इन प्रोजेक्ट का डिजाइन संधि के हिसाब से है या नहीं। पाकिस्तान का दावा है कि भारत संधि का उल्लंघन कर रहा है। भारत सरकार ने औपचारिक रूप से लिनो को सूचित किया और अनुरोध किया कि वह किशनगंगा और रतले विवादों से संबंधित सहमत वर्क प्रोग्राम को छोड़ दें। लिनो को दिए गए अपने जवाब में पाकिस्तान ने भारत के रुख पर आपत्ति जताई और विवाद समाधान कार्यवाही को निलंबित करने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध किया।

सिंधु का पानी किसी और राज्य के साथ नहीं किया जाएगा शेयर

2025 वर्क प्रोग्राम के मुताबिक, पाकिस्तान को 7 अगस्त तक भारत के सबमिशन पर लिखित जवाब देना था। दोनों पक्षों के साथ तटस्थ विशेषज्ञ की चौथी बैठक 17 से 22 नवंबर के लिए तय की गई थी। लिनो से यह उम्मीद की जाती है कि वे कार्यवाही को रोकने के बारे में फैसला लेने से पहले पाकिस्तान की टिप्पणियों पर विचार करेंगे। भारत और पाकिस्तान अब न्यूट्रल एक्सपर्ट के जरिये बातचीत कर रहे हैं, लेकिन लेकिन दोनों सरकारों के बीच सिंधु जल संधि के निलंबन पर कम से कम एक बार सीधे पत्र भेजे गए हैं।

बातचीत के मूड में नहीं नई दिल्ली

भारत ने 24 अप्रैल को एक पत्र के जरिये संधि को स्थगित रखने के अपने फैसले के बारे में औपचारिक रूप से पाकिस्तान को जानकारी दी। पाकिस्तान ने (7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले) जवाब दिया। इसमें दिल्ली की चिंताओं पर चर्चा करने की इच्छा का संकेत दिया और बातचीत के लिए मई में एक तारीख का सुझाव दिया। भारत ने उस प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया है। नई दिल्ली फिलहाल इस मामले पर इस्लामाबाद के साथ बातचीत करने के लिए इच्छुक नहीं है और यह संधि फिलहाल स्थगित रहेगी। इस बीच, सूत्रों ने इंडियन एक्सपर्ट को बताया कि सरकार ने इंडस रिवर सिस्टम से पानी को अलग-अलग भारतीय राज्यों में मोड़ने के लिए एक नहर बनाने की योजना तैयार की है। इसने जम्मू-कश्मीर में चेनाब पर दो रन-ऑफ-द-रिवर हाईड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट बगलिहार और सलाल में दो फ्लशिंग एक्सरसाइज भी की है। बिलावल बोले- अगर भारत ने पानी डायवर्ट किया और डैम बनाए तो…