Indri (Haryana) Vidhan Sabha Election/Chunav Result 2024: हरियाणा विधानसभा की इंद्री विधानसभा सीट पर सभी दलों के उम्मीदवारों ने खूब जोर-शोर से प्रचार अभियान चलाया। इस सीट पर 5 अक्टबूर को जमकर वोटिंग भी हुई और सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। आज यानी 8 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। वोटों की काउंटिंग शुरू हो चुकी है और इस वक्त काग्रेस 2809 वोटों से पीछे चल रही है। इंद्री विधानसभा सीट किसी एक पार्टी के लिए ही नहीं रही बल्कि इस विधानसभा से अमूमन हर पार्टी को एक न एक बार मौका जरूर मिला है।

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इस बार भारतीय जनता पार्टी ने यहां से अपने पिछली बार के प्रत्याशी को फिर से दोहराया है। पार्टी ने राम कुमार कश्यप को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने राकेश कुमार कंबोज को चुनावी दंगल में उतारा है। वहीं मुकाबले को दिलचस्प बनाते हुए आम आदमी पार्टी ने हवा सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। जेजेपी ने कुलदीप मदान को टिकट दिया है।

2019 में क्या रहे चुनावी नतीजे

साल 2019 के विधानसभा इलेक्शन की बात करें तो इंद्री विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के राम कुमार कश्यप बाजी मारने में कामयाब हो गए थे। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार राकेश कंबोज को 7431 वोटों के अंतर से करारी शिकस्त दी थी। राम कुमार को 54,221 वोट मिले और निर्दलीय उम्मीदवार राकेश कंबोज को 46,790 वोट हासिल हुए थे। 2019 में इंद्री में कुल 38.01 फीसदी वोट पड़े। कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. नवजोत कश्यप 16,776 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे।

पार्टी उम्मीदवारवोटजीते/हारे
बीजेपीराम कुमार54,221जीते
निर्दलीयराकेश कंबोज46,790हारे
कांग्रेसडॉ.नवजोत कश्यप16,776हारे

इंद्री विधानसभा सीट का चुनावी गणित

इंद्री विधानसभा सीट के आंकड़ों पर ध्यान दें तो कांग्रेस ने इस सीट पर करीब चार बार जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 1967, 1968, 1972 और 2005 में यह सीट जीती थी, जब 1967 से लगातार तीन बार इसकी उम्मीदवार परसनी देवी जीतीं, जबकि 2005 में राकेश कंबोज ने सीट जीती। 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार देस राज ने सीट जीती, जबकि बाद में 1982 और 1987 में लोकदल के उम्मीदवार लछमन ने लगातार दो बार सीट पर अपना कब्जा जमाया।

1991-2000 में हरियाणा विकास पार्टी (HVP) और स्वतंत्र उम्मीदवारों ने अपनी छाप छोड़ी, जिसमें HVP उम्मीदवार जानकी देवी ने सीट जीती, जबकि 1996 और 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार भीम सैन मेहता ने सीट जीती। 2005 में कांग्रेस ने इस सीट पर फिर से कब्जा कर लिया क्योंकि उसके उम्मीदवार राकेश कंबोज ने सीट जीत ली। हालांकि, बाद में वे 2008 में HJC में शामिल हो गए लेकिन दलबदल विरोधी कानून के कारण उन्हें हटा दिया गया।