प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने चुनावों में हार के डर से नोटबंदी लागू नहीं किया था जबकि निरंजन नाथ वांचू कमेटी ने इसकी सिफारिश की थी। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा, “इंदिरा गांधी ने वाई बी चव्हाण से कहा था कि क्या आप चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं? यह कांग्रेस का विचार था लेकिन वे लोग इसे लागू नहीं कर पाए।” प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान तब आया है जब भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने दूसरी बार सरकार की आलोचना इस बात के लिए की है कि वो संसद नहीं चला पा रही है। माना जा रहा है कि शुक्रवार को पीएम मोदी का दिया बयान उसी मुद्दे से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है।

संसद के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन था। हंगामे के कारण आज भी संसदीय कार्यवाही नहीं हो सकी। इसके बाद राज्यसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई। राज्यसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त होने पर सभापति हामिद अंसारी ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया। अंसारी ने हंगामे के लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा- “राज्यसभा सिर्फ पहले दिन चली, बाकी दिन सदन में हर खेमे ने हंगामा किया।”

पूरे सत्र में अभी तक नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे के चलते काम-काज नहीं हो पाया। गुरुवार को भी नोटबंदी व अन्य मुद्दों पर हंगामे के चलते लोकसभा व राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई थी। लोकसभा में पिछले करीब तीन सप्ताह से जारी गतिरोध पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार फिर गुस्सा हो उठे थे। वहीं, आखिरी दिन की कार्यवाही से पहले बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक बुलाई, बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने भी संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल सका।

संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने डिजिटल पेमेंट को जीवनशैली बनाने के लिए कहा। उन्होंने जनता से कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ने की अपील की। पीएम ने कहा- डिजिटल इकॉनोमी से देश में भ्रष्टाचार खत्म होगा। कोई भी दल देश से बड़ा नहीं होता, लेकिन कांग्रेस के लिए दल देश से बड़ा है। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई से विपक्ष बेचैन है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ने बैठक में कहा कि वांचू कमेटी ने इंदिरा गांधी जी से नोटबंदी की सिफारिश की थी, लेकिन उन्होंने सिफारिश ठुकरा दी थी।