आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक और आतंकी का अंत हो चुका है। पाकिस्तान की जेल में हाफिज सईद के करीबी अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत हो चुकी है। भुट्टावी की मौत की खबर दो साल पहले भी आई थी, पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC ने इसे मानने से इनकार कर दिया था। पर अब यूएन ने अब यह स्वीकार कर लिया है कि LET के संस्थापक सदस्यों में से एक अब्दुल सलाम भुट्टावी की मौत हो चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी लश्कर -ए- तैयबा का डिप्टी कमांडर और हाफिज सईद का करीबी था। हाफिज सईद जब जेल गया था तब भुट्टावी ने ही लश्कर जमात उद दावा की कमान संभाली थी और कार्यवाहक के रूप में काम किया था। वह लश्कर के आतंकियों को कमान और फतवा जारी करता था।
रिपोर्ट के अनुसार, 2008 में मुंबई पर हमला करने वाला आतंकी भुट्टावी के तैयार किए गए गुर्गे थे। संसद हमले के बाद यह देश पर सबसे बड़ा आतंकी हमला था। इसमें 150 से अधिक लोगों की जानें चली गई थी। जबकि सैंकड़ों घायल हो गए थे। इसमें भारत ने अपने कई बहादुर पुलिस अफसरों को खोया था।
भुट्टावी 2002 में पाकिस्तान के लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा का संगठनात्मक बेस स्थापित करने का प्रभारी था। भुट्टावी को 29 मई 2023 को पाकिस्तान के पंजाब के जेल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। लेकिन यूएनएससी समेत भारत ने भी इस खबर को अफवाह बताया था और पाकिस्तान की चाल समझा था। पर अब संयुक्त राष्ट्र ने भुट्टावी की मौत को कंफर्म कर दिया है। उसकी मौत पाकिस्तान सरकार की कस्टडी के दौरान हुई थी।