इस सूची में भारत की स्थिति सबसे खराब है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रपट में यह जानकारी दी गई है। रपट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर शिशुओं के जन्म के 51 फीसद मामले जिन 10 देशों में दर्ज किए गए हैं, उनकी सूची में भी भारत शीर्ष पर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रपट में प्रकाशित इन आंकड़ों को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृ नवजात स्वास्थ्य सम्मेलन’ 2023 के दौरान मंगलवार को जारी किया गया। इन आंकड़ों के अनुसार, 2020-2021 में प्रसव के दौरान दो लाख 90 हजार महिलाओं की मौत हुई, 19 लाख मृत शिशुओं का जन्म हुआ और 23 लाख नवजात शिशुओं की मौत हुई, यानी वैश्विक स्तर पर कुल 45 लाख मौत हुर्इं, जिनमें से भारत में मृतक संख्या 7,88,000 रही।
रपट में कहा गया है कि इस दौरान दुनिया भर में पैदा हुए बच्चों में से 17 फीसद शिशुओं का जन्म भारत में हुआ और यह भी मौत की अधिक संख्या का कारण हो सकता हे। मातृ मृत्यु, मृत शिशुओं के जन्म और नवजात की मौत संबंधी इस सूची में भारत के बाद नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, बांग्लादेश और चीन का नंबर है। उप-सहारा अफ्रीका व मध्य एवं दक्षिणी एशिया ऐसे क्षेत्र हैं जहां इस तरह की मौत के मामले में स्थिति सबसे खराब है, लेकिन वैश्विक 2030 के लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर हर देश के प्रयास की गति अलग है।