भारत अंतरिक्ष में एक के बाद एक बेहतरीन उपलब्धि अपने नाम कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को एक ही रॉकेट से तीन अलग-अलग ऑर्बिट में उपग्रहों को स्थापित करने की उपलब्धि अपने नाम की।
भारत ने सोमवार को घरेलू के साथ विदेशी उपग्रहों को एक ही रॉकेट से तीन अलग-अलग कक्षाओं 28 उपग्रहों को स्थापित कर इतिहास रच दिया। इसरो की तरफ से पहली बार ये कारनामा किया गया है।
भारत ने यह खास उपलब्धि ‘मिशन शक्ति’ के एक सप्ताह से भी कम समय के भीतर हासिल की है। मिशन शक्ति में भारत ने दिखाया था कि उसके पास अंतरिक्ष में अपने उपग्रहों को सुरक्षित रखने की क्षमता है।
इससे पहले यह अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर सकते थे। अब भारत ऐसा चौथा देश है जिसके पास एंटी सैटेलाइट हथियार हैं। भारत ने सोमवार को जिन 254 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया उसमें भारत के EMISAT उपग्रह के अलावा 24 अमेरिका, दो लिथुआनिया और एक-एक स्पेन और स्विट्जरलैंड का था।
लॉन्च के बाद इस संबंध में इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा, ‘यह खास मिशन भारत के लिए बहुत विशेष है। यह पहली बार है की PSLV एक सिंगल फ्लाइट में तीन अलग-अलग ऑर्बिट के लिए सैटेलाइट लेकर गया है।’ इससे पहले सिवन ने कहा कि इस ‘थ्री-इन-वन’ मिशन से लागत में कटौती करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा था कि एजेंसी का उद्देश्य इस साल 30 और मिशन भेजने का है। इसमें भारत का चंद्रयान मिशन-2 भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफल प्रक्षेपण के लिए अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को बधाई दी। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार नागरिकों की विज्ञान में रुचि बढ़ाने और वैज्ञानिकों के सम्मान के लिए काम कर रही है।
इसरो चाहती है कि सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, मुंबई की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो भविष्य में उसके लिए रॉकेट तैयार करें। पिछले साल भारत ने कहा था कि वह अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन पर 1.4 अरब डॉलर से कम खर्च करेगा। यह मिशन साल 2022 में लॉन्च किया जाएगा। भारत का कहना था कि उसका यह मिशन इस तरह के अमेरिका और चीन के मिशन से सस्ता होगा।
इससे पहले भारत ने साल 2014 में 7.4 करोड़ डॉलर की लागत से अपना पहला मानवरहित मंगल मिशन लॉन्च किया था। वहीं अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासाने अपने मावेन मंगल मिशन पर 67.1 करोड़ डॉलर खर्च किए थे।