Indian Railways ने निजीकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है! दरअसल खबर आयी है कि अब प्लेटफॉर्म पर रेलवे टिकट और परिचालन को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं जैसे फूड कोर्ट, पार्किंग और विज्ञापन आदि का प्रबंधन जैसे कामों को रेलवे निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। फिलहाल उत्तर रेलवे में ही यह बदलाव किया जा रहा है। बता दें कि गुजरात के गांधीनगर और भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर यह प्रयोग जल्द शुरु किया जा सकता है। वहीं लखनऊ का चारबाग, चंडीगढ़, हरिद्वार और पानीपत रेलवे स्टेशनों पर अगले 24 महीनों में ये बदलाव की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी।

न्यूज 18 के साथ बातचीत में उत्तरी रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने कहा कि ‘इसे निजीकरण कहना गलत होगा, बल्कि इसे स्टेशन के विकास से जोड़कर देखना चाहिए। इस योजना के तहत कई अन्य सुविधाएं भी शुरु की जाएंगी और स्टेशन के कुछ क्षेत्र को व्यवसायिक तौर पर भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले भी हम ऐसा कर चुके हैं।’ टीपी सिंह ने कहा कि पहले हम पार्किंग का ठेका, विज्ञापनों का ठेका आदि अलग-अलग लोगों को देते थे, अब इसे नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉ-ऑपरेशन (NBCC) द्वारा केन्द्रीकृत किया जा रहा है। अगले हफ्ते होने वाली NBCC की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है।

वहीं समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध शुरु कर दिया है। सपा का आरोप है कि भाजपा पूंजीपतियों का समर्थन कर रही है। सपा के प्रवक्ता अब्दुल हाफिज गांधी ने कहा कि भाजपा ने हमेशा पूंजीपतियों का समर्थन किया है और पब्लिक सेक्टर में निवेश में कमी की है। हाल ही में एनडीए सरकार ने देश के 5 एअरपोर्ट्स को 50 साल के लिए अडानी ग्रुप को दे दिया है। सपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पब्लिक सेक्टर की अवहेलना कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। गांधी ने कहा कि इस निजीकरण के चलते यात्रा का खर्च बढ़ जाएगा, जिसे अंत में यात्रियों को ही झेलना होगा।