IRCTC Indian Railways: भारतीय रेलवे नौ में से सिर्फ दो क्लास का टिकट बेचकर लगातार मुनाफा कमा रही है। कैग की रिपोर्ट से यह बात सामने आई है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की एसी 3 टियर और एसी चेयर कार अपनी ऑपरेशनल कॉस्ट को लगातार रिकवर कर रही है। एसी 3 टियर 2012 से लगातार मुनाफा दे रही है।
रिपोर्ट में जो आंकड़े साझा किए गए हैं उसके मुताबिक, एसी 3 टियर ने 2012-13 में 494.99 करोड़ रुपए, 2013-14 में 410.67 करोड़, 2014-15 में 881.52 करोड़ और 2015-16 में 898.06 करोड़ रुपए मुनाफा दिया। वहीं बात करें एसी चेयर कार की तो इस कोच पर सफर करना यात्रियों को पसंद आ रहा है। इस कोच के जरिए रेलवे को 2012-13 में 38.12 करोड़, 2013-14 को 148.47 करोड़, 2014-15 में 142.26 करोड़ और 2015-16 में 5.58 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। इस तरह इन दोनों कोच से एक साल में करीब 1200 करोड़ का लाभ हुआ है।
रिपोर्ट में सामने आया है कि टिकट के दामों में छूट अन्य सात कोचों में मुनाफा न देने की मुख्य वजह है। ऑपरेशनल कॉस्ट को रिकवर ने कर पाने के पीछे ज्यादा मात्रा में मुफ्त और सस्ती ट्रेन टिकट मुहैया कराना है। रिपोर्ट में इस बात की तरफ ध्यान दिया गया है कि पिछले तीन साल में 11.45 प्रतिशत यात्रियों को रेल में सफर के लिए कई तरह की छूट मिली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य क्लास और उपनगरीय सर्विस में सब्सिडी में लगातार बढ़ोतरी के चलते यह दोनों कोच मुनाफा नहीं दे पा रहे हैं। वहीं एसी फर्स्ट क्लास, फर्स्ट क्लास, एसी 2 टियर, स्लीपर क्लास, सेकेंड क्लास, सामान्य क्लास और ईएमयू उपनगरीय सर्विस घाटे में है।
कैग रिपोर्ट के मुताबिक एसी फर्स्ट क्लास पर घाटा 17.68 फीसदी रहा है। वहीं फर्स्ट क्लास कोच का 80.27 फीसदी तो एसी 2 टियर पर रेलवे को 13.60 फीसदी का घाटा हुआ है। स्लीपर क्लास में यह गाटा 40.80 फीसदी है। सेकेंड क्लास का घाटा 49.17 फीसदी तो सामान्य क्लास और ईएमयू उपनगरीय का घाटा क्रमश: 70.19 फीसदी और 64.74 फीसदी है।

