रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव को रोकने के लिए ट्रेन के बाहरी हिस्से में कैमरे लगाने का फैसला लिया है। रेलवे का मानना है कि कैमरे लगाने के बाद ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले लोगों की पहचान संभव हो सकेगी। ये कैमरे ट्रेन की साइड में लगाए जाएंगे।
रेलवे के अनुसार ये कैमरे अत्याधुनिक क्वालिटी के होंगे। रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार इन्हें इस महीने के अंत तक लगा दिया जाएगा। फरवरी में ट्रेन की शुरुआत होने के बाद से अब तक पत्थर फेंकने की 12 घटनाएं हो चुकी हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार पत्थरबाजी की घटनाओं के कारण पिछले दो महीने में खिड़कियों के 12 शीशें बदले जा चुके हैं। ट्रेन 18 सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। इस ट्रेन की रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा है।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि दो कैमरे सामने और दो कैमरे पीछे लगाए जाने से रेलवे को उन रुटों की जानकारी मिल जाएगी जिस रुट पर ट्रेन पर पत्थर फेंके जाते हैं। खबरों के अनुसार रेलवे की तरफ से ट्रेन पर पथराव की घटना को रोकने के लिए रेलवे की तरफ से लोगों को जागरुक करने, स्लम के बच्चो को चॉकलेट आदि बांटने का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल पा रहा है।
इस साल फरवरी जब ट्रेन की शुरुआत हुई थी उस समय ट्रेन से दो गायें टकरा गई थीं। टक्कर लगने के बाद ट्रेन को काफी नुकसान पहुंचा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसके एक दिन बाद ही ट्रेन का कंट्रोल फेल हो गया था।
ट्रेन उत्तर प्रदेश के टुंडला जक्ंशन पर ही फंस गई। इसके बाद ट्रेन में सवार यात्रियों को दूसरी ट्रेन से दिल्ली लाया गया। इससे पहले ट्रायल के दौरान ट्रेन पर चार बार पथराव की घटना सामने आ चुकी है। ट्रेन पर कौशांब के भरवारी में 1 मार्च, फतेहपुर में 12 मार्च, कानपुर के समीप प्रेमपुर में 17 मार्च को पथराव की घटना हो चुकी है।
जीआरपी ने वाराणसी से कानपुर के बीच ट्रेन पर पथराव करने वालों की पहचान करने के लिए जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम गठित की है।

