देश के सबसे बड़े सरकारी नियोक्ता रेलवे से लेकर अंतरिक्ष विभाग तक, केंद्र के अधीन 50 विभागों ने कर्मचारियों के वेतन से प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति (पीएम केयर) फंड में राहत के लिए 157.23 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस के इस बात की जानकारी आरटीआई के जरिये मिली।

पीएम केयर्स फंड में दान देने वालों में सबसे टॉप पर रेलवे है जिसने 146.72 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। एक आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा कि “कर्मचारियों से कंट्रीब्यूशन के जरिये पीएम केयर्स फंड में योगदान दिया गया है। आरटीआई जानकारी के आधार पर इस सूची में दूसरे नंबर पर अंतरिक्ष विभाग है। विभाग ने 5.18 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। विभाग ने कहा कि कि कर्मचारियों द्वारा किया गया योगदान व्यक्तिगत रूप से उनके वेतन से किया गया है।

हालांकि, कई प्रमुख विभाग, जैसे कि प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ), गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले लोग और डाक विभाग जैसे बड़े नियोक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस के आरटीआई प्रश्नों का जवाब नहीं दिया। PM Cares Fund को मैनेज करने वाले पीएमओ ने पहले भी प्राप्त राशि के विवरण को देने से मना कर दिया था।

एक आरटीआई के जवाब में पीएमओ का कहना था कि आरटीआई अधिनियम की धारा 2 (एच) के तहत पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है। हालांकि, PM CARES फंड के संबंध में प्रासंगिक जानकारी वेबसाइट pmcares.gov.in पर देखी जा सकती है।

इससे पहले  ‘The Indian Express’ द्वारा ITR Records की पड़ताल में इस फंड से जुड़ी कई जानकारी सामने आई थीं। इसमें कहा गया था कि PM CARE Fund में न सिर्फ केंद्रीय शिक्षा संस्थानों से बल्कि कम से कम सात पब्लिक सेक्टर बैंकों, सात अन्य प्रमुख वित्तीय संस्थानों व बीमा कंपनियों और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मिलकर 204.75 करोड़ रुपए जुटाए।

ये बड़ी रकम इन सभी के स्टाफ की सैलरी काट कर इस फंड में पहुंचाई गई।  रिकॉर्ड्स के मुताबिक, Life Insurance Corporation of India (LIC), General Insurance Corporation of India (GIC) और National Housing Bank ने भी लगभग 144.5 करोड़ रुपए के आसपास की रकम इस फंड के लिए दी। ये रुपए इन्होंने अपने Corporate Social Responsibility (CSR) आवंटन और अन्य प्रावधानों से इतर दिए।