भारतीय रेलवे (IR) यात्रा अनुभव को और अधिक पैसेंजर फ्रेंडली बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। हाल ही में, इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने 2.5 करोड़ से ज़्यादा यूजर आईडी डिएक्टिवेट कर दी हैं। लेकिन क्या आप इस बड़ी पहल के पीछे का कारण जानते हैं? आखिर क्यों कंपनी ने इतनी बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता आईडी निष्क्रिय क्यों कीं?

2 करोड़ से ज्यादा आईआरसीटीसी यूजर आईडी डिएक्टिवेट

25 जुलाई (शुक्रवार) को राज्यसभा में दिए गए एक उत्तर में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टिकट बुकिंग प्रणाली में गड़बड़ियों को रोकने के लिए आईआरसीटीसी ने 2.5 करोड़ से ज़्यादा यूजर आईडी डिएक्टिवेट कर दी हैं। वैष्णव ने कहा, “टिकट बुकिंग प्रणाली में गड़बड़ी को रोकने के उद्देश्य से, आईआरसीटीसी ने हाल ही में 2.5 करोड़ से अधिक आईडी को डिएक्टिवेट कर दिया है क्योंकि डेटा एनालिसिस के दौरान उनके क्रेडेंशियल्स संदिग्ध पाए गए थे।”

रेल मंत्री केंद्रीय मंत्री राज्यसभा सदस्य एडी सिंह द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जिन्होंने पारदर्शिता सुनिश्चित करने, दुरुपयोग को रोकने और यात्रियों को कन्फर्म ट्रेन टिकट उपलब्ध कराने में सुधार के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी मांगी थी। इसके उत्तर में, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने और डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय रेलवे ने निम्नलिखित पहल की हैं:

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1 रिजर्व टिकट ऑनलाइन या कम्प्यूटराइज्ड पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) काउंटरों पर “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर बुक किए जा सकते हैं। वर्तमान में, कुल टिकटों का लगभग 89% ऑनलाइन माध्यम से बुक किया जा रहा है।

2 पीआरएस काउंटरों पर डिजिटल माध्यम से भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

3. 1 जुलाई 2025 से, तत्काल योजना के अंतर्गत टिकट केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ता ही आईआरसीटीसी की वेबसाइट/इसके ऐप के माध्यम से बुक कर सकते हैं।

4 एजेंटों को तत्काल आरक्षण खुलने के पहले 30 मिनट के दौरान पहले दिन तत्काल टिकट बुक करने से रोक दिया गया है।

5 ट्रेनों की वेटिंग लिस्ट की स्थिति की नियमित आधार पर निगरानी की जाती है और अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे विशेष ट्रेन सेवाएं संचालित करता है।

6 इसके अलावा, वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को निश्चित स्थान उपलब्ध कराने और उपलब्ध स्थान का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक ट्रेन आवास योजना (ATAS), जिसे VIKALP के रूप में जाना जाता है, और अपग्रेडेशन जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। पढ़ें- सरकार के इस संस्थान के साथ हो गया बड़ा ‘खेल’