15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोग मारे गए थे। जिसके बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए थे। इस मीटिंग में प्लेटफार्मों पर रेलवे कर्मियों की तैनाती, नई डिजाइन की वर्दी और टिकट बिक्री रोकने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को स्टेशन निदेशक के रूप में नियुक्त करना जैसे फैसले लिए गए।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “स्टेशन निदेशक जो अधिक वरिष्ठ अधिकारी होंगे, उन्हें इस प्रकार सशक्त बनाया जाएगा कि वे स्टेशनों पर स्थिति सुधारने के लिए तत्काल फैसले ले सकें। साथ ही सभी संबंधित विभाग स्टेशन निदेशक को रिपोर्ट करेंगे।”
आईआरटीएस के वरिष्ठ अधिकारियों को स्टेशन निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा
वर्तमान में, भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के वरिष्ठ ग्रेड के अधिकारियों को स्टेशन निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाता है, पर अब से पदानुक्रम में उच्चतर ग्रेड के आईआरटीएस अधिकारियों को स्टेशन निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा, खासकर बड़े स्टेशनों पर जहां भारी भीड़ होती है। उन्हें स्टेशन और उपलब्ध ट्रेनों की क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्री को नियंत्रित करने का अधिकार दिया जाएगा।
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इसके अलावा, भीड़ नियंत्रण उपाय के रूप में सभी कर्मचारियों को नई डिजाइन की वर्दी दी जाएगी ताकि संकट की स्थिति में उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। अधिकारी ने कहा, “बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी कर्मचारियों को एक नए डिजाइन का आईडी कार्ड दिया जाएगा ताकि केवल अधिकृत व्यक्ति ही स्टेशन में प्रवेश कर सकें। इसके साथ ही सभी भारी भीड़ वाले स्टेशनों पर वॉकी-टॉकी, अनाउंसमेंट सिस्टम और कॉलिंग सिस्टम जैसे नवीनतम डिजाइन के डिजिटल संचार उपकरण लगाए जाएंगे।”
भारतीय रेलवे में 8000 से अधिक रेलवे स्टेशन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसी भगदड़ से बचने के लिए रेल मंत्रालय ने 60 स्टेशनों पर स्थायी प्रतीक्षा या होल्डिंग क्षेत्र विकसित करने की योजना बनाई है, जहां विशेष रूप से त्योहारों के मौसम में यात्रियों की संख्या बहुत अधिक होती है। कुल मिलाकर, भारतीय रेलवे में 8000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं। नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट पहले ही शुरू हो चुके हैं।
यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर तभी जाने दिया जाएगा जब ट्रेन आएगी
अधिकारी ने बताया, “ऐसा करने से अचानक भीड़ बढ़ने पर उसे वेटिंग एरिया में ही रोका जा सकेगा। यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर तभी जाने दिया जाएगा जब ट्रेन आएगी। इससे स्टेशनों पर भीड़ कम होगी। इसके साथ ही सभी अनाधिकृत प्रवेश द्वारों को सील कर दिया जाएगा। इन 60 स्टेशनों पर पूरी तरह से प्रवेश नियंत्रण होगा। केवल कन्फर्म रिजर्व टिकट वाले यात्रियों को ही सीधे प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति होगी। बिना टिकट वाले या वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्री बाहरी वेटिंग एरिया में वेट करेंगे।”
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रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी बताया कि 12 मीटर चौड़े (40 फीट) और 6 मीटर चौड़े (20 फीट) मानक फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) के दो नए डिजाइन विकसित किए गए हैं। अधिकारी ने कहा, “रैंप के साथ ये चौड़े एफओबी महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में बहुत प्रभावी थे। ये नए मानक चौड़े एफओबी सभी स्टेशनों पर लगाए जाएंगे। कैमरों ने महाकुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन में मदद की। नज़दीकी निगरानी के लिए सभी स्टेशनों और आस-पास के इलाकों में बड़ी संख्या में कैमरे लगाए जाएंगे।” इसके साथ ही, रेलवे के बड़े स्टेशनों पर वॉर रूम होंगे।
गौरतलब है कि 15 फरवरी 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया था कि भगदड़ भीड़ प्रबंधन की कमी के कारण हुई थी, जब बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे।भगदड़ की घटना की जांच एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा अभी भी जारी है।