अमेरिका की ओर से H-1B वीजा मामले में अचानक नया आदेश जारी करने की वजह से भारत के बहुत सारे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे लोग जो छुट्टियां मनाने के लिए अमेरिका से बाहर थे या अपने घर आए हुए थे, उन्हें जल्द से जल्द अमेरिका पहुंचना पड़ा लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग भारत में ही फंस गए हैं।
तेलंगाना की एक महिला नाम ना जाहिर करने की शर्त पर अपना दुख बताती हैं। उन्होंने कहा, “हमसे कहा गया कि 21 सितंबर की आधी रात से पहले इमिग्रेशन लाइन पार कर लें, हमने इसे पार कर लिया और हम बच गए लेकिन हमारे कई दोस्त भारत में हैं और वे अमेरिका की फ्लाइट नहीं पकड़ पा रहे हैं।”
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तेलंगाना या आंध्र प्रदेश के काफी लोग अमेरिका में रहते हैं। तेलंगाना के आईटी मंत्री श्रीधर बाबू ने इस मामले में केंद्र को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि 70 से 72% वीजा भारतीय लोगों को मिलते हैं और इसमें भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं।
88 लाख रुपये कर दी एप्लिकेशन फीस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को H-1B वीजा के लिए एप्लिकेशन फीस को बढ़ाकर 88 लाख रुपये कर दिया था। इसके बाद Meta, Microsoft और Amazon सहित कई टेक कंपनियों ने अमेरिका से बाहर गए अपने कर्मचारियों को ई-मेल भेजकर रविवार सुबह 12.01 बजे तक देश वापस लौटने को कहा था।
60 से 70% काम भारतीयों के पास
एक शख्स ने कहा, “मेरी पत्नी भारत में है और मैं अमेरिका में हूं। पता नहीं अब हम लोग कब मिल पाएंगे।” पुणे में काम करने वाले एक आईटी कर्मचारी ने कहा, “अमेरिका में चल रहे प्रोजेक्ट्स में 60 से 70% काम भारत के लोग संभालते हैं और हम सभी पर इसका असर पड़ेगा।”
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ऐसी ही कहानी शेखर की भी है। शेखर को अपने पिता की ओपन हार्ट सर्जरी के कारण दो हफ्ते पहले ही 6 सितंबर को हैदराबाद आना पड़ा लेकिन ट्रंप के ऐलान के बाद वह बुरी तरह फंस गए हैं। उनका वीजा स्टांप भी खत्म हो गया है। नौकरी करने वाले लोग तो परेशान हैं ही, उनके बच्चों के स्कूल को लेकर भी चिंता खड़ी हो गई है।
27 सितंबर की थी फ्लाइट, जल्दी जाना पड़ रहा
हैदराबाद की 38 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 27 सितंबर को अमेरिका जाना था लेकिन उन्हें अब जल्दी जाना पड़ रहा है। वह 8 सितंबर को अपने पिता की बरसी पर आई थीं। उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता कि वहां पहुंचने के बाद क्या होगा। बहुत घबराहट हो रही है।” ऐसी ही कहानी बहुत सारे लोगों की है।
भारत ने दी थी प्रतिक्रिया
भारत ने अमेरिका के इस फैसले पर कहा था कि इस कदम के ‘मानवीय परिणाम’ हो सकते हैं। भारत ने कहा है कि इस कदम से कई परिवारों के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। भारत सरकार ने उम्मीद जताई कि इन मुश्किलों को अमेरिकी अधिकारी सही ढंग से हल कर सकते हैं।