कोलकाता के अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट के बाद पूरे देश के डॉक्टर गुस्से में हैं। ऐसे में आईएमए ने सोमवार को 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। इसके बाद ममता बनर्जी ने हर मेडिकल कॉलेज के 2 प्रतिनिधियों से मिलने की बात कही। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट भी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को लेकर सुनवाई के लिए राजी हो गया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिशन ने डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे पर आज (17 जून) को पूरे देश में हड़ताल का आह्वान किया है। इस दौरान लोगों को परेशानी से बचाने के लिए इमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।
ममता बनर्जी नबन्ना में डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से मिली और बैठक में सरकारी अस्पतालों में शिकायत सेल सहित जूनियर डॉक्टरों द्वारा दिए गए कई सुझावों को स्वीकार किया। ममता ने कहा कि उनकी सरकार डॉक्टरों पर होने हमलों वाले हमलो पर सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के बाद देश भर के सभी डॉक्टर लामबंद हो गए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और एम्स के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी आज हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। ऐसे में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के हर मेडिकल कॉलेज के दो प्रतिनिधियों से मिलने के लिए सहमति जताई थी। अभी ममता नबन्ना में डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए पहुंच चुकी हैं।
भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए) द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में सोमवार को ओडिशा के कई अस्पतालों के डॉक्टर कामकाज पर नहीं आए। यह हड़ताल पश्चिम बंगाल में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों के समर्थन में की गई है। इस दौरान आपातकालीन और अस्पताल के अंदर की सेवाएं चालू रहीं, जबकि कई अस्पतालों में बाह्य मरीज विभाग (ओपीडी) की सेवाएं प्रभावित हुईं। यहां के ब्रह्मपुर, संबलपुर और कटक के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर ओपीडी और अन्य गैर-जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से दूर रहे।
पश्चिम बंगाल के चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में केरल में सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सोमवार को दो घंटे काम का बहिष्कार किया, जिसके कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। दिन के शुरुआती घंटों में राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में ओपीडी के पास लंबी कतारें देखी गईं। कुछ रोगियों ने कहा कि उन्हें हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी और वे कई घंटों से इंतजार कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने सोमवार को ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे सहयोगी डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाई। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के रेजिडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के महासचिव डॉ. भारतेन्दु नेगी ने कहा कि आरडीए सदस्यों की बैठक में अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल के मद्देनजर हड़ताल न करने का फैसला किया गया।
बिहार में सोमवार को डॉक्टरों की हड़ताल से चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गईं। राज्य में पिछले कुछ दिनों में भीषण गर्मी और लू तथा दिमागी बुखार से 100 से अधिक बच्चों की जान जा चुकी है। पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों पर हाल ही में किए गए हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल को बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ का समर्थन हासिल है। पटना मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने हालांकि अपने अस्पताल में हड़ताल का असर नहीं होने का दावा किया है, लेकिन ओपीडी में अन्य दिनों की तुलना में सोमवार को कम मरीज देखे जाने की सूचना है।
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर 11 जून से हड़ताल पर हैं। कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक रोगी की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों ने दो डॉक्टरों पर हमला कर दिया था और वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कोलकाता के डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए देशभर में डॉक्टरों ने काम नहीं करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज अस्पताल, आरएमएल अस्पताल और दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल तथा दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर सोमवार को काम नहीं करेंगे।
आईएमए की हड़ताल से दिल्ली के कई सरकारी और निजी अस्पतालों में सोमवार को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं। ये डॉक्टर्स पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे अपने साथियों के समर्थन में एक दिन के लिए काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। हालांकि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा बुलाई गई हड़ताल में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
आईएमए के आह्वान पर हो रही देशव्यापी हड़ताल का असर पूरे देश में नजर आ रहा है। बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल के डॉक्टर भी इसका समर्थन कर रहे हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरोध में 24 घंटे की हड़ताल का फैसला किया गया है।
कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हिंसा के बाद देश भर के सभी डॉक्टर हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और एम्स के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी आज हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के हर मेडिकल कॉलेज के दो प्रतिनिधियों से मिलने के लिए सहमति जताई है।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के बाद देश भर के सभी डॉक्टर एकजुट हो गए हैं। बता दें कि बंगाल के डॉक्टरों ने ममता बनर्जी के साथ बैठक का बहिष्कार कर दिया है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) और एम्स के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी डॉक्टरों का साथ देने के लिए आज हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।
कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के साथ मारपीट के बाद उनके समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अपील पर मथुरा के भी निजी चिकित्सक आज सोमवार की सुबह से मंगलवार सुबह तक के लिए 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए। आईएमए की स्थानीय शाखा के डॉ. शशांक माहेश्वरी एवं संयुक्त सचिव डॉ. गौरव भारद्वाज ने बताया कि सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक स्वास्थ्य सेवाएं बंद रहेंगी। इस दौरान चिकित्सक मरीज नहीं देखेंगे और इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रहेंगी।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक रोगी की मौत के बाद उसके रिश्तेदारों ने दो डॉक्टरों पर हमला किया था। इस घटना के विरोध में आईएमए ने सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। ऐसे में तमिलनाडु के डॉक्टर भी स्ट्राइक कर रहे हैं। उन्होंने काली पट्टी बांधकर हड़ताल का समर्थन किया।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज के परिजनों ने दो डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला किया था, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद 11 जून से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। बता दें कि इस मामले में मरीज की मौत हो गई थी। डॉक्टरों के साथ मारपीट के विरोध में देशभर के डॉक्टरों ने काम नहीं करने का फैसला किया है। वहीं, आईएमए ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून की मांग की है।
आईएमए त्रिपुरा यूनिट के महासचिव डॉ. एस देबबर्मा ने बताया कि त्रिपुरा में भी 24 घंटे के लिए ओपीडी सर्विस रोक दी गई हैं। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में यह कदम उठाया गया है।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटना को लेकर आईएमए ने सोमवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इसके तहत गुजरात में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। वडोदरा स्थित सर सैयाजीराव जनरल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने भी इस दौरान प्रदर्शन किया।
दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने परिसर में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक प्रदर्शन मार्च किया और दोपहर 12 बजे से वे हड़ताल में शामिल होंगे। पहले इन्होंने हड़ताल में शामिल ना होने का फैसला लिया था लेकिन बाद में सुबह आम सभा में हड़ताल का फैसला लिया गया।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आरएमएल अस्पताल के साथ-साथ दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को बाधित रहेंगी, क्योंकि सैकड़ों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए सदस्य यहां अपने मुख्यालय पर भी धरना देंगे। शीर्ष चिकित्सा संस्था आईएमए ने कहा कि सभी ओपीडी, नियमित ऑपरेशन थिएटर सेवाएं और वार्ड का निरीक्षण 24 घंटे के लिए सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक स्थगित रहेगा।उसने कहा कि हालांकि आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं काम करती रहेंगी