YouTube Channels Ban: केंद्र सरकार ने एक बार फिर से यूट्यूब चैनल्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सरकार ने कुछ यूट्यूब चैनल्स पर रोक लगाने के लिए कहा है। सरकार ने झूठे और सनसनीखेज दावे करने और फर्जी खबरें फैलाने के लिए तीन चैनलों को हटाने को कहा। पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट चेक यूनिट ने मंगलवार को तीन चैनलों को फेक न्यूज का पेडलर घोषित किया था।
इस बार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने चैनल्स पर रोक लगाने को कहा है। इस लिस्ट में कुल तीन यूट्यूब चैनल शामिल हैं। इन चैनल्स पर फेक न्यूज फैलाने के आरोप में शिकंजा कसा गया है।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने 20 दिसंबर 2022 को ट्वीट कर जानकारी दी कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने तीन यूट्यूब चैनल्स पर रोक लगाने के लिए कहा है। इन चैनल्स की सूची में News Headlines, Sarkari Update और Aaj Tak Live शामिल हैं। यहां यह बता दें कि आज तक लाइव इंडिया टुडे ग्रुप से जुड़ा हुआ नहीं है। इन चैनल्स के 33 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स और 30 करोड़ से ज्यादा व्यूज थे।
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि फेक न्यूज फैलाने वाले यूट्यूब चैनल्स की तरफ सख्त कदम उठाया हो। इससे पहले भी सरकार इस तरह के कई यूट्यूब चैनल्स को बैन कर चुकी है।
तीनों ही यूट्यूब चैनल्स फेक न्यूज फैलाने का काम कर रहे थे: PIB
PIB ने बताया कि यह तीनों ही यूट्यूब चैनल्स फेक न्यूज फैलाने का काम कर रहे थे। इन चैनल्स ने सुप्रीम कोर्ट, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और भारत के प्रधानमंत्री से जुड़ी कई फेक वीडियो अपलोड की हुई थी। इन वीडियो पर लाखों की संख्या में व्यूज थे। News Headlines चैनल के 9.67 लाख सब्सक्राइबर्स और 31,75,322900 व्यू थे। Sarkari Updates के सब्सक्राइबर्स की संख्या 22.6 लाख और 8,83,594 व्यूज थे। Aaj Tak Live चैनल के 65.6 हजार सब्सक्राइबर्स और वीडियो पर 1,25,04,177 व्यूज थे।
सरकार ने बीते अप्रैल महीने में 16 यूट्यूब चैनल्स को बैन किया था
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इन चैनल्स पर मौजूद वीडियो कवर फोटो भी शेयर की है। जिसमें कई तरह की खबरों को परोसा गया था।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि भारत सरकार ने बीते अप्रैल महीने में इसी तरह के 16 यूट्यूब चैनल्स को बैन किया था। इन चैनल्स में पाकिस्तान के छह समाचार चैनल और 10 भारत के समाचार चैनल शामिल थे।
जुलाई से सितंबर तक 5.6 मिलियन वीडियो को हटाया गया
दुनिया के सबसे लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने इस महीने की शुरुआत में खुलासा किया था कि उसने जुलाई से सितंबर के बीच 5.6 मिलियन वीडियो हटा दिए थे। इन वीडियो ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था।