मंगलवार को 22 भारतीय मछुआरे गुजरात के गिर सोमनाथ लौटे। इन्हें पाकिस्तान ने अप्रैल 2021 से दिसंबर 2025 के बीच समुद्र में पकड़ लिया था। पाकिस्तान ने इन सभी भारतीय मछुआरों को कराची जेल में रखा गया था। वतन वापसी पर सभी मछुआरों ने खुशी जाहिर की और सरकार से अपील की कि वो पाकिस्तानी जेल में बंद अन्य मछुआरों को छुड़ाने का प्रयास करे।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने इन सभी मछुआरों को अरब महासागर से मछली पकड़ते वक्त गिरफ्तार किया था।मंगलवार को गिर सोमनाथ पहुंचे 22 मछुआरों में से 18 गुजरात से हैं और 3 पड़ोसी यूटी दीव से हैं।
वेरावल के सहायक मत्स्य निदेशक वी.के. गोहेल ने कहा कि अभी भी पाकिस्तान की जेलों में करीब 195 भारतीय मछुआरे बंद हैं। गुजरात सरकार ने एक बयान के जरिए बताया कि सीएम भूपेंद्र पटेल और राज्य के कृषि मंत्री राघवी पटेल ने पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों की रिहाई के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।
अटारी के रास्ते भारत पहुंचे सभी मछुआरे
वी.के. गोहेल ने बताया कि पाकिस्तान से ये सभी मछुआरे कुछ दिन पहले ही अटारी – वाघा बॉर्डर के रास्ते भारतीय प्रशासन को सौंपे गए थे। वहां से ये लोग सोमवार को ट्रेन के जरिए वडोदरा पहुंचे। मंगलवार को ये सभी वडोदरा से बस के जरिए गिर सोमवाथ के वेरावल पहुंचे। वडोदरा पहुंचने पर सभी मछुआरों ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने पाकिस्तानी जेलों में अभी भी बंद कई मछुआरों के लिए भी चिंता व्यक्त की और सरकार से उनकी रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाने की अपील की।
खराब है कई मछुआरों की तबीयत
पाकिस्तान में लंबा समय गुजारने के बाद भारत लौटे ये मछुआरे कई बीमारियों से ग्रसित हैं। वडोदरा में मीडिया से बातचीत में एक मछुआरे ने बताया कि वे बीमारियों से पीड़ित हैं और भोजन की समस्या से जूझ रहे हैं। वे बहुत मुश्किल में हैं।
एक अन्य मछुआरे ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उसे पाकिस्तानी एजेंसी ने साढ़े तीन साल पहले गुजरात के तट से पकड़ा था। उन्होंने बताया कि वापस लौटे सभी 22 लोग बीमार हैं और अभी भी कई लोग वहां की जेलों में बंद हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द रिहा करवाने के लिए हर संभव प्रयास करें, क्योंकि वहां की जेलों में बहुत सारी समस्याएं हैं।
जेल में बंद मछुआरों का पत्र लेकर आए भारत
भारत लौटे मछुआरे पाकिस्तानी जेल में बंद अपने साथियों का एक पत्र भी लेकर आए हैं, जिसमें सरकार से जल्द से जल्द मदद की गुहार लगाई गई है। पत्र में कहा गया है, “हम यहां 150 मछुआरे हैं। दो साल पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हमें रिहा कर दिया था, लेकिन हम अभी भी जेल में बंद हैं। यहां से बाहर न निकल पाने की टेंशन में लगभग सभी मछुआरे मानसिक रूप से बीमार हो गए हैं।”
पत्र के जरिए पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों ने दावा किया कि वे बीमार हैं और सांस लेने में दिक्कत के अलावा स्किन डिजीज से भी पीड़ित हैं, इसके बाद भी सिर्फ 22 मछुआरों को छोड़ा जा रहा है। बाकी बचे 150 मछुआरों के साथ अन्याय हो रहा है। यहां कोई भी ऐसा नहीं है जो हमारी स्थिति को समझे।