Asaduddin Owaisi vs Kiren Rijiju: एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बीच सोमवार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सोशल मीडिया पर वार-पलटवार होता दिखा। रिजिजू ने कहा था कि भारत ऐसा अकेला देश है जहां पर अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलती है। इसके जवाब में ओवैसी ने कहा कि हम दूसरे देशों के अल्पसंख्यकों के साथ तुलना करने के लिए नहीं कह रहे हैं। हम बहुसंख्यक समुदाय को मिलने वाली चीजों से ज्यादा की मांग नहीं कर रहे हैं। हम वही मांग रहे हैं जिसका संविधान वादा करता है। वह है सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय।

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘आप भारतीय गणराज्य के मंत्री हैं, राजा नहीं। किरेन रिजिजू आप संवैधानिक पद पर हैं, सिंहासन पर नहीं। अल्पसंख्यक अधिकार मौलिक अधिकार हैं, दान नहीं। क्या हर दिन पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहलाना लाभ ​​है। क्या लिंच किया जाना सुरक्षा है। क्या यह सुरक्षा है कि भारतीय नागरिकों का अपहरण कर उन्हें बांग्लादेश में धकेल दिया गया? क्या हमारे घरों, मस्जिदों और मजारों को अवैध रूप से बुलडोजर से गिरते देखना एक विशेषाधिकार है। सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से अदृश्य बना दिया जाना? क्या भारत के प्रधानमंत्री से कम किसी और के द्वारा नफरत भरे भाषणों का निशाना बनना सम्मान है।

आपकी आर्थिक नीतियों से प्रभावित हुए छात्र

एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने आगे कहा, ‘भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं हैं। हम बंधक हैं। यदि आप एहसान के बारे में बात करना चाहते हैं, तो इसका उत्तर दें। क्या मुसलमान हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं? नहीं। लेकिन आपका वक्फ संशोधन अधिनियम गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्डों में शामिल करने के लिए मजबूर करता है और उन्हें बहुमत बनाने की अनुमति देता है। आपने मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप को बंद कर दिया। आपने प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप को बंद कर दिया।’

बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन पर ओवैसी ने उठाए सवाल

ओवैसी ने कहा, ‘आपने पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरिशप को सीमित कर दिया। यह सब इसलिए क्योंकि इससे मुस्लिम छात्रों को फायदा हुआ। मुसलमान अब एकमात्र समूह हैं जिनकी संख्या हाईयर एजुकेशन में घटी है। वे आपकी आर्थिक नीतियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यह आपकी अपनी सरकार का डेटा है। भारतीय मुसलमान एकमात्र समूह हैं जिनके बच्चे अब अपने माता-पिता या दादा-दादी से भी बदतर स्थिति में हैं।’

अगर हम पलायन नहीं करते तो हम खुश हैं – ओवैसी

ओवैसी ने कहा, ‘अल्पसंख्यकों के खिलाफ मंत्री के अनुसार, अगर हम पलायन नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि हम खुश हैं। दरअसल, हमें पलायन करने की आदत नहीं है। हम अंग्रेजों से नहीं भागे, हम विभाजन के दौरान नहीं भागे, और हम जम्मू, नेल्ली, गुजरात, मुरादाबाद, दिल्ली आदि नरसंहारों के कारण नहीं भागे। हमारा इतिहास इस बात का सबूत है कि हम अपने उत्पीड़कों के साथ न तो सहयोग करते हैं और न ही उनसे छिपते हैं। हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लड़ना जानते हैं और हम इंशाअल्लाह लड़ेंगे। हमारे महान राष्ट्र की तुलना पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल और श्रीलंका जैसे असफल राज्यों से करना बंद करें। जय हिंद, जय संविधान! इस मामले में आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए धन्यवाद।’

किरेन रिजिजू ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था हमारे देश में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में ज्यादा फायदा और सुरक्षा मिलती है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘ठीक है, हमारे पड़ोसी देशों से अल्पसंख्यक भारत आना पसंद करते हैं और हमारे अल्पसंख्यक पलायन नहीं करते? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाएं सभी के लिए हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाएं अल्पसंख्यकों को अतिरिक्त लाभ प्रदान करती हैं।’ पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…