Indian Army Remote Forward Posts: भारतीय सेना देश की सीमा की सुरक्षा में हर सेकेंड एक्टिव है। सीमा सुरक्षा में तैनात जवानों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। अब न्यूज एजेंसी ANI ने भारतीय सेना के अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी है कि सीमा पर मौजूद रिमोट फॉरवर्ड पोस्टों पर रसद सहायता बढ़ाने के उद्देश्य से सेना ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

इंडियन आर्मी के अधिकारियों ने ANI को बताया कि रिमोट फॉरवर्ड पोस्टों पर रसद सहायता बढ़ाने के उद्देश्य से सेना ने सिविल एविशन सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ अपनी तरह का पहला कॉन्ट्रैक्ट किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट सर्दियों में उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सेना को सर्दियों में कट-ऑफ पोस्टों को हेलीकॉप्टर सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट सिविल – मिलिट्री फ्यूजन और पीएम गति शक्ति पहल का लाभ उठाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

कितनी पोस्टों को होगा फायदा?

भारतीय सेना के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि एक साल एग्जीक्यूट किए जाने के बाद यह कॉन्ट्रैक्ट सुनिश्चित करेगा कि जम्मू रीजन की 16 रिमोट चौकियों तक पूरे साल रसद सप्लाई की जा सके। इसके अलावा लद्दाख और कश्मीर में रिमोट लोकेशन पर मौजूद 28 पोस्टों को भी इस कॉन्ट्रैक्ट से फायदा होगा। अधिकारियों ने बताया कि यह इनिशिएटिव इस बात में निर्णायक बदलाव का प्रतीक है कि भारतीय सेना भीषण सर्दियों के महीनों (भारी बर्फबारी) के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति कैसे बनाए रखती है।

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इंडियन आर्मी के अधिकारियों ने बताया कि इस कॉन्ट्रैक्ट का एक महत्वपूर्ण पहलू सिविल एविएशन हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट के तहत इंडियन आर्मी या इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर्स की जगह सिविल एविएशन हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया जाएगा। यह बदलाव न सिर्फ लागत कम करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक स्ट्रैटेजिक मूव भी है ताकि मिलिट्री हेलीकॉप्टर्स की सर्विस लाइफ कॉम्बैट या इमरजेंसी सिनेरियो के लिए बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि आर्मी यह सुनिश्चित करती है कि उसका कॉम्बैट एविएशन फ्लीट ज्यादा मिशन – महत्वपूर्ण संचालन के लिए तैयार रहे।