मोदी सरकार जहां पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही हैं, वहीं भारतीय सेना ने और स्वदेशी ‘आकाश मिसाइल’ को अपने बेड़े में शामिल करने से इनकार कर दिया है। आकाश की जगह सेना अपने बेड़े में जमीन से हवा में मार करने वाले इजराइल के मिसाइल सिस्टम को अपनाने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना ने कहा है कि दो रेजिमेंट आकाश मिसाइल के बाद और मिसाइल सेना में शामिल नहीं की जाएंगी। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय नौसेना ने स्वदेशी मिसाइल में समस्याएं आने की वजह से अपनाने से मना कर दिया दिया था। सेना ने रूस, इजरायल और स्वीडन के मिसाइल सिस्टम का ट्रायल किया था, जिसमें से इजरायल के Spyder QR-SAMs को सलेक्ट किया गया है।
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आकाश हर मौमस में एयर डिफेंस करने का मिसाइल सिस्टम है। इससे 30 किलोमीटर दूर 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया जा सकता है। डीआरडीओ द्वारा बनाए जाने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम की क्षमता पर भारतीय सेना ने सवाल उठाए हैं। आकाश के जवाब में पाकिस्तान ने चीन से एफएम-90 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदा है, जबकि चीन के पास एचक्यू-7 मिसाइल सिस्टम है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक आकाश बाकी एयर डिफेंस सिस्टम से कमजार है और डीआरडीओ को ऐसा सिस्टम बनाने में पांच साल लग जाएंगे। इसके साथ ही बताया गया है कि इजरायल के एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की कीमत आकाश से 30 फीसदी कम है।