बीजेपी सांसद नवीन जिंदल ने पंजाब के पटियाला में सेना के एक अधिकारी के साथ पुलिस के कथित तौर पर मारपीट का मामला लोकसभा में उठाया। उन्होंने शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की और दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की अपील की।
कहा- घटना से फौजी समुदाय का अपमान हुआ है
हरियाणा के कुरुक्षेत्र से सांसद और उद्योगपति नवीन जिंदल ने इस घटना को पूरे फौजी समुदाय की गरिमा पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “पुलिस का काम सुरक्षा देना है, लेकिन यहां तो रक्षक ही भक्षक बन गए। जब देशभर में इस घटना को लेकर आक्रोश बढ़ा, तब जाकर प्राथमिकी दर्ज हुई।”
बीजेपी सांसद ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करने में नाकाम रही है। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई को जांच सौंपी जाए और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
क्या है पूरा मामला?
कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाथ का आरोप है कि 13 मार्च को पटियाला में पार्किंग विवाद के चलते पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों ने उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की। उन्होंने इसे सेना के सम्मान पर हमला करार दिया और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की।
कर्नल बाथ का कहना है कि पंजाब पुलिस के तहत निष्पक्ष जांच संभव नहीं है, इसलिए मामला सीबीआई को सौंपा जाए। उनके अनुसार, पुलिसकर्मियों ने कानून का दुरुपयोग किया और सेना के अधिकारी के साथ असहनीय व्यवहार किया।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए कर्नल बाथ के बेटे ने मीडिया को बताया था, “आरोपी पुलिस वालों ने हमसे अपनी कार हटाने को कहा और जब मेरे पिता ने उनकी भाषा पर आपत्ति जताई तो उनमें से एक अधिकारी ने उन्हें मुक्का मारा। जब मैंने बीच में आने की कोशिश की, तो उन्होंने मुझ पर भी हमला कर दिया। उन्होंने हमें डंडों, रॉड और बेसबॉल बैट से पीटा। मेरे पिता और मैं बेहोश हो गए और जब हम होश में आए, तो वे हमें पीट रहे थे। हमें कम से कम 45 मिनट तक पीटा गया।”