Indian Army: चीन और पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा रच रहे हैं। बदलते समय में भारत को निशाने बनाने के लिए इन दोनों देशों ने ऑनलाइन डोमेन (Online Domain) में अपनी ‘गंदी’ गतिविधियां बढ़ाई हुई हैं। अब पाकिस्तान और चीन की तरफ से मौजूदा खतरों और चुनौतियों को देखते हुए इंडियन आर्मी ने अपनी साइबर वारफेयर पहल (Cyber Warfare Initiatives) के तहत नई स्पेशलिस्ट यूनिट्स (New Specialist Units) को ऑपरेशनलाइज कर दिया है।
इंडियन आर्मी की नई स्पेशलिस्ट यूनिट्स को ऑपरेशनलाइज करने का फैसला इस महीने के तीसरे हफ्ते में भारतीय सेना के चीफ मनोज पांडे (Indian Army Chief Manoj Pande) द्वारा आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में लिया गया था।
सरकार से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि इस विशिष्ट डोमेन में संचार नेटवर्क की सुरक्षा और तैयारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए भारतीय सेना में कमांड साइबर ऑपरेशंस एंड सपोर्ट विंग्स (CCOSW) की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने यहा भी कहा कि ग्रे जोन युद्ध (Grey Zone War) के साथ-साथ पारंपरिक युद्ध दोनों में साइबर स्पेस सैन्य डोमेन (Cyber Space Domain) के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरा है। नई स्पेशलिस्ट यूनिट्स के महत्व और जरूरतों के बारे में बताते हुए सूत्रों ने कहा कि हमारे विरोधियों द्वारा साइबर युद्ध क्षमताओं के विस्तार ने साइबर डोमेन को पहले से कहीं अधिक कंपटीटिव बना दिया है।
सूत्रों ने बताया कि इंडियन आर्मी आज नेट सेंट्रिसिटी (Net Centricity) की ओर तेजी से बढ़ रही है। इस वजह से सभी स्तरों पर आधुनिक संचार प्रणालियों पर निर्भरता बढ़ गई है। नई यूनिट्स के रोल पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये संगठन भारतीय सेना की साइबर सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए जरूरी साइबर सुरक्षा कार्यों को करने के लिए फॉर्मेशन करने में सहायता करेंगे।
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में इंडियन आर्मी ने वर्चुअल हनी ट्रैपिंग (Virtual Honey Trapping) और हैकिंग (Hacking) के रूप में विरोधियों की एग्रेशन का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं। डिफेंस साइबर एजेंसी (Defence Cyber Agency) इन मुद्दों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के स्तर पर काम कर रही है। (इनपुट- ANI)