भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने अपने एक बयान में कहा है कि देश की सुरक्षा और स्थायित्व को गंभीर चुनौतियां मिल रही हैं। नए साल पर सेना के जवानों और अधिकारियों को दिए एक संदेश में जनरल बिपिन रावत ने ये बातें कहीं। आर्मी चीफ ने अपने इस संदेश में कहा कि ‘हम अपनी सीमाओं पर जटिल सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहे हैं, जिनसे हमारी आंतरिक सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा है।’ आर्मी चीफ ने अपने संदेश में सेना के जवानों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए हमारे जवान धैर्य, दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतीपूर्ण, अमानवीय और शत्रुतापूर्ण हालात में भी मजबूती से खड़े हुए हैं।’ हालांकि सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने अपने संदेश में चीन से लगती 4000 किलोमीटर लंबी सीमा या फिर जम्मू कश्मीर की लाइन ऑफ कंट्रोल का कोई जिक्र नहीं किया।

बता दें कि भारतीय सेना, पाकिस्तान से लगती सीमा पर लगातार घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं से जूझ रही है। इसके साथ ही बीते साल चीन के साथ डोकलाम विवाद भी खूब चर्चाओं में रहा था। फिलहाल सेना ने कई सेक्टर में अपनी निगरानी प्रणाली में सुधार किया है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने संदेश में आर्मी चीफ ने कहा कि सेना में सभी रैंक के जवानों ने हमारी सीमाओं की रक्षा और आतंकवाद से लड़ाई में ईमानदारी और प्रतिबद्धता का शानदार प्रदर्शन किया है। सेना के करीब 12 लाख जवानों से पूरे जोश से देश की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने का आह्वान करते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जोश के साथ हमे मूल्यों, ईमानदारी, हिम्मत और गर्व के साथ अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करना है।

जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय सेना दुनिया की सबसे अनुशासित और प्रोफेशनल आर्मी है और हमें इसे पूरी गरिमा और सम्मान के साथ बरकरार रखना है। जनरल रावत ने सेना द्वारा प्राकृतिक आपदाओं, यूएन मिशन और हादसों के दौरान भी सेना द्वारा निभायी गई जिम्मेदारियों की सराहना की। साथ ही जनरल रावत ने देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को याद किया और मुठभेड़ के दौरान घायल हुए जवानों की जल्द ठीक होने के लिए शुभकामनाएं दीं। बता दें कि इससे पहले जनरल बिपिन रावत ने पंजाब को लेकर भी एक बयान दिया था। अपने इस बयान में आर्मी चीफ ने कहा था कि पंजाब में फिर से उग्रवाद को खड़ा करने की कोशिशें की जा रही हैं और हमें अभी इस दिशा में कदम उठाने होंगे, वरना काफी देर हो जाएगी।