पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल रहे एक मेजर जनरल को भारतीय सेना से बर्खास्त कर दिया गया है। शुक्रवार (16 अगस्त, 2019) को इस बात की पुष्टि सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने की। उन्होंने बताया कि यौन शोषण से जुड़े मामले में आरोपी मेजर जनरल को सजा के तौर पर बर्खास्त किया गया है।

सेना अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने उक्त अफसर को सजा सुनाने के बारे में पुष्टि की है। जनरल रावत के इस फैसले के बारे में आज अंबाला में मेजर जनरल को 2 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमजेएस खाहलों ने सूचित किया।”

मामले में जारी किए आदेश के मुताबिक, सजा सुनाने से जुड़े दस्तावेज पर खुद सेना प्रमुख ने बीते जुलाई में दस्तखत किए थे, जबकि 23 दिसंबर, 2018 को आर्मी जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) ने आरोपी मेजर जनरल को यौन शोषण के मामले को लेकर सेना से निकालने की सिफारिश की थी।

सेना प्रमुख के फैसले पर मेजर जनरल के वकील आनंद कुमार ने बताया, “सजा की पुष्टि और उस बारे में कही जा रही बातें गलत हैं, क्योंकि मेजर जनरल को कोर्ट-मार्शल की कार्यवाही से जुड़े दस्तावेजों की प्रतियां नहीं मुहैया करा दी थीं।”

वकील के मुताबिक, “उनकी (आरोपी जनरल) की पुनःविचार याचिका भी लंबित है, उसके बाद भी सेना प्रमुख की ओर से सजा सुना दी गई। हम सजा से जुड़े इस आदेश को चुनौती देंगे।” कोर्ट मार्शल में अफसर को सेवा से निकाले जाने की सिफारिश की गई थी, जिन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए और सेना अधिनियम 45 के तहत आरोप लगे थे।

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सेना के नियमों के अनुसार, जीसीएम की सिफारिश उच्चाधिकारियों के पास पुष्टि के लिए जाती है और उनके पास उस सजा को बदलने या टालने का अधिकार भी होता है।

बता दें कि मेजर जनरल नॉर्थ ईस्ट में तैनात थे, तभी 2016 में उन पर ये आरोप कैप्टन रैंक की महिला अधिकारी ने लगाए थे। हालांकि, मेजर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।