भारतीय वायुसेना पर साइबर अटैक की कोशिश हुई है। सीक्रेट डेटा की चोरी करना मकसद बताया जा रहा है। अब किसकी तरफ से ये हिमाकत की गई, अभी तक साफ नहीं, लेकिन बताया जा रहा है कि मेल के जरिए सारा खेल रचा गया था। अभी के लिए वायसुना ने उस साइबर अटैक की हवा निकाल दी है और सारा डेटा पूरी तरह सुरक्षित है।
असल में साइबर हमलावरों की कोशिश थी कि वायुसेना के सैन्यकर्मियों को Su-30 MKI मल्टीरोल फाइटर जेट की फर्जी खरीद में फंसाया जाए। साजिश ये थी कि 12 जेट बेचने का एक दस्तावेज भेजा जाएगा, उसकी एक ZIP फाइल भी तैयार कर ली गई थी। उसी फाइल को वायुसेना के कंप्यूटरों में भेजना था और उसी के जरिए सीक्रेट डेटा चोरी करनी प्लानिंग थी।
लेकिन वायुसेना के पास अत्याधुनिक फायरवॉल सिस्टम था जिस वजह से हैकर्स के सारे मंसूबे फेल हो गए और डेटा भी चोरी नहीं हो पाया। अभी तक जांच में ये बात सामने जरूर आई है कि आरोपियों द्वारा गो स्टीलर के एक वैरिएंट का इस्तेमाल किया गया था। ज्यादातर साइबर अपराधी इसी सॉफ्टवेयर के जरिए हैकिंग का प्रयास करते हैं। इसी सॉफ्टवेयर के जरिए कई बार हैकिंग की भी जा चुकी है, लेकिन वायुसेना को फंसाना आसान नहीं था।
वैसे वर्तमान में डेटा सुरक्षा को लेकर देश में बहस चल रही है। जैसे-जैसे डिजिटल इंडिया की तरफ कूच की जा रही है, साइबर हमलों की संभावना भी बढ़ी है। उसी संभावना को कम करने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठा रही है। सेना के पास तो अत्याधुनिक फायरवॉल सिस्टम भी इसी वजह से रखवाए गए हैं जिससे ऐसे हमलों से समय रहते बजा जा सके।