BrahMos Air launched missile: भारतीय एयर फोर्स (Indian Air Force) ने बुधवार (28 दिसंबर, 2022) को ब्रह्मोस एयर-लॉन्च मिसाइल के उन्नत संस्करण का सफल परीक्षण किया। यह 400 किमी की रेंज में किसी भी लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है। रक्षा अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान से मिसाइल का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया
रक्षा अधिकारी (Defence officials) ने बताया कि सुखोई एसयू-30 लड़ाकू विमान (Su 30 fighter jet) से मिसाइल को दागा गया और इसने सटीक लक्ष्य पर निशाना बनाया। अधिकारी ने कहा कि यह मिसाइल के एयर-लॉन्च संस्करण के एंटी-शिप संस्करण का परीक्षण था। बयान में कहा गया है कि SU-30MKI विमान के साथ मिलने से मिसाइल की विस्तारित सीमा क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। इस सफलता ने भारतीय वायु सेना को एक रणनीतिक पहुंच प्रदान की है।
मई में किया गया था सफल परीक्षण
इसी साल मई में सुपरसोनिक मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया गया था। विस्तारित सीमा को 290 किमी से बढ़ाकर 350 किमी करने की जानकारी मिली थी। मई में किया गया सफल परीक्षण पहला उदाहरण था, जिसमें Su-30MKI फाइटर जेट से मिसाइल का परीक्षण किया गया था।
ब्रह्मोस एक मध्यम दूरी की स्टील्थ रैमजेट क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, जहाजों, हवाई जहाजों या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। शुरुआत के समय यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल थी।
यह भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूसी संघ के NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसने मिलकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस का निर्माण किया है।
मिसाइल के एयर-लॉन्च संस्करण को Su-30 MKI से एक गतिरोध हथियार के रूप में लॉन्च किया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि इसे लक्ष्य क्षेत्र में एक दूरी से दागा जा सकता है जो हमलावर कर्मियों को हथियार या रक्षा आग के प्रभाव से बचने में सक्षम बनाता है। इस तरह के हथियार आम तौर पर भूमि और समुद्र स्थित लक्ष्यों के विरुद्ध आक्रामक अभियानों में भाग लेते हैं।