भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में स्वीडन कंपनी साब ग्रिपेन के प्लेन शामिल हो सकते हैं। कंपनी के लड़ाकू विमान ग्रिपेन डी का जायजा खुद भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने लिया। एयरचीफ ने स्वीडन जाकर गुरुवार को ग्रिपेन डी एयरक्राफ्ट को स्वीडन एयर फोर्स के विंग कमांडर माइकल लुंडक्विस्ट के साथ उड़ाकर देखा। अपनी स्वीडन यात्रा के दौरान एयर चीफ ने कंपनी के लिंकोपिंग स्थित प्रोडेक्शन यूनिट भी गए। एयर चीफ सात जून से पांच दिनों की स्वीडन यात्रा पर हैं।
बता दें, फरवरी में स्वीडन की प्रधानमंत्री स्टेफन लॉफवेन और पीएम मोदी की दोनों देशों के बीच एयरोस्पेस और डिफेंस क्षेत्र सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। लॉफवेन मुंबई में पीएम मोदी के प्रोग्राम मेक-इन-इंडिया की सम्मिट में हिस्सा लेने आए थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी पिछले साल जून में स्वीडन की पांच दिनों की यात्रा की थी।
स्वीडन और साब ने प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत ग्रिपेन एयरक्राफ्ट के प्रोडेक्शन का ऑफर दिया था। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को स्वीडन के डिफेंस मिनिस्टर हल्टग्विसट ने इस महीने की शुरुआत में सिंगापुर में सांगरी-ला डायलॉग में यह औपचारिक ऑफर दिया था। ऑफर में ग्रिपेन फाइटर के भारत में प्रोडेक्शन, भविष्य के लिए दोनों देशों में मजबूत संबंध बनाने और तकनीकी का ट्रांसफर शामिल था।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही लड़ाकू विमान की कमी है। भारत ने पहले से ही फ्रांस से 36 रफैल एयरक्राफ्ट खरीदने का सौदा कर रखा है, लेकिन डील का प्रोसेस बहुत धीमा है। वहीं दूसरी ओर स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस भारतीय वायुसेना में अगले महीने शामिल होगा।