8 दिसंबर 2021 को भारतीय वायु सेना (IAF) के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। इसको लेकर सामने आई जांच रिपोर्ट में चॉपर क्रैश होने के पीछे खराब मौसम बताया गया है। बता दें कि 5 जनवरी बुधवार को एयर फोर्स ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस रिपोर्ट की जानकारी दी।
कम दृश्यता से हुई चूक: रिपोर्ट में कहा गया है कि विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान हादसे के दिन एमआई-17V5 हेलिकॉप्टर के पायलट थे। उन्होंने क्रैश से ठीक 8 मिनट पहले कहा था कि वह हेलिकॉप्टर को लैंड करा रहे हैं। पायलट हेलिकॉप्टर को काफी नीचे उड़ा रहे थे। जमीन से करीब 500-600 मीटर की ऊंचाई पर बादलों की मोटी परत थी और इसकी वजह से दृश्यता कम हो गई थी।
रिपोर्ट में रेलवे लाइन को फॉलो करते हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान हेलिकॉप्टर को उड़ा रहे थे। उन्हें वेलिंग्टन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज लैंड करना था। सीडीएस जनरल रावत को यहां लेक्चर देना था। चॉपर के क्रैश होने से 8 मिनट पहले तक आखिरी कम्युनिकेशन रिकॉर्ड किया गया था। सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि हेलिकॉप्टर में किसी तरह की गड़बड़ी होने की आशंका को जांच रिपोर्ट में खारिज किया गया है।
45 मिनट तक प्रजेंटेशन: समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक इस रिपोर्ट को लेकर को राजनाथ सिंह को भारतीय वायुसेना की तरफ से 45 मिनट तक प्रजेंटेशन दिया गया। क्रैश की वजह को लेकर रिपोर्ट में भविष्य में वीआईपी के साथ उड़ने वाले चॉपर से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव दिए गये। सेना के वरिष्ठ अफसरों को ले जाने वाले चॉपर को लेकर जांच टीम ने एसओपी में बदलाव का सुझाव दिया।
बता दें कि पिछले साल 8 दिसंबर को तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे।