संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के बाद देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लंबी बहस छिड़ गई है। अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत 2023 तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश हो जाएगा। रिपोर्ट में भारत को चीन से आगे निकलने की बात कही गई है। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण पर टीवी डिबेट्स भी देखने को मिल रही हैं।
इंडिया टीवी न्यूज चैनल पर भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने हिंदुओं की जनसंख्या पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश में दो सौ जिले ऐसे हैं, जहां से हिंदुओं का पलायन हो रहा है। जनसंख्या कानून की वकालत करते हुए भाजपा नेता ने कहा, “जो लोग कहते हैं कि जहां शिक्षा आ जाती है वहां जनसंख्या नियंत्रण हो जाती है। उन लोगों को केरल जाकर देखना चाहिए।”
अश्विनी उपाध्याय ने कहा, “केरल में 100 ऐसे परिवार हैं जहां 10-20 बच्चे हैं और वे पढ़े लिखे हैं। उनमें कोई नर्स है, डॉक्टर है और कोई इंजीनियर है। इसलिए शिक्षा के चलते नियंत्रण होना, गलत है।”
अश्विनी उपाध्याय ने कहा, “एक खतरा यह भी है कि 75 साल पहले देश का बंटवारा यह कहकर हुआ कि आप लोग नापाक हो, हम आपके साथ नहीं रह सकते, हमें पाक जमीन चाहिए, हम पाक लोग हैं, हमें पाकिस्तान चाहिए।”
वहीं भारत में हिंदुओं की स्थिति पर अश्विनी उपाध्याय ने कहा, “9 राज्यों में हिंदू खत्म हो चुके हैं। लद्दाख में 1 फीसदी, लक्ष्यद्वीप में 2 प्रतिशत, मिजोरम में दो फीसदी, कश्मीर में 2 फीसदी, नागालैंड में 8 प्रतिशत बचे हुए हैं। इस तरह से 9 राज्यों में हिंदुओं की आबादी कम हुई है। वहीं अगर यह आंकड़ें जिलेवार देखें तो देश में 200 जिलों में हिंदुओं का पलायन हो रहा है।”
उपाध्याय ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर सख्त कानून लाने की जरूरत है, नहीं तो अगर लोभ देने वाला कानून आया तो इसमें हिंदुओं का ही नुकसान होगा।
इसी डिबेट कार्यक्रम में शामिल राजनीतिक विश्वलेषक संगीत रागी ने कहा, “देश के विभाजन से पहले भारत में मुसलमानों की संख्या 23 फीसदी थी और उन्होंने अलग देश की मांग कर दी। जिसके बाद 14 फीसदी पाकिस्तान चले गये और 9 फीसदी यहीं रह गये। जोकि आज 18 फीसदी के बराबर हैं।” संगीत रागी ने कहा कि आज हालत यह है कि देश में सैंकड़ों जिले ऐसे हैं जो मुस्लिम बाहुल्य हो गये हैं।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के बाद शुरू बहस में राजनीतिक गलियारों से भी खूब बयानबाजी देखने को मिल रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ना चाहिए लेकिन साथ ही ‘जनसंख्या असंतुलन’ को भी पनपने नहीं देना चाहिए।
सीएम योगी ने क्या कहा: सीएम योगी ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए कि किसी एक वर्ग की जनसंख्या बढ़ने का प्रतिशत अधिक हो, जबकि हम ‘मूल निवासी’ (मूल निवासियों) जागरूकता के साथ जनसंख्या नियंत्रण पर काम करें। लोगों को स्थिरीकरण के प्रयासों के जरिए से जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए जागरुक किया जाना चाहिए।
ओवैसी का पलटवार: योगी आदित्यनाथ के बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्या मुसलमान भारत के मूल निवासी नहीं हैं? अगर हम सच देखें, तो भारत में मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग ही हैं। उत्तर प्रदेश में, बिना किसी कानून के वांछित फर्टिलिटी रेट 2026-2030 तक हासिल की जाएगी।”
ओवैसी ने कहा कि ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं। 2016 में कुल प्रजनन दर 2.6 थी जो अब 2.3 है। देश का जनसांख्यिकीय लाभांश सभी देशों में सबसे अच्छा है।