चीन के मोर्चे पर भारत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। चीन के सबसे बड़े दुश्मन वियतनाम को भारत एक ऐसा तोहफा देने का जा रहा है जिसकी उसे पिछले काफी समय से जरूरत थी। चीन के साथ रणनीतिक मोर्चे पर उसे बढ़त मिलेगी। दरअसल भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग से बातचीत की और ऐलान किया कि भारत वियतनाम की नौसेना को स्वदेश निर्मित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण (INS Kirpan) गिफ्ट के तौर पर देगा। साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए इस कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

वियतनाम के साथ मजबूत होंगे रिश्ते

भारत का मानना है कि इस कदम से उसके वियतनाम के साथ रिश्ते पहले की तुलना में और बेहतर होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि स्वदेश निर्मित मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण को उपहार में देना वियतनाम की नौसेना की क्षमताओं के बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने अनेक द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों की प्रगति का जायजा लिया और साझेदारी पर संतोष जताया। बता दें कि जनरल जियांग 18 जून को भारत दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ का भी दौरा किया था।

क्यों अहम है यह गिफ्ट

दरअसल भारत पिछले कुछ समय से ‘एक्ट ईस्ट’ नीति पर काम कर रहा है। इस दिशा में वियतनाम को हिंद-प्रशांत महासागर में भारत का एक महत्वपूर्ण साझीदार माना जा रहा है। बता दें कि जुलाई 2007 में वियतनाम के तत्कालीन प्रधानमंत्री गुयेन तान दुंग भारत दौरे पर आए थे। तब दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा मिली था। इसके बाद 2016 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने वियतनाम की यात्रा की। इसके बाद दोनों देशों के बीच रणनीति साझेदारी काफी आगे बढ़ चुकी है।

चीन के साथ वियतनाम की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। चीन कई बार अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन कर चुका है। दोनों देशों के बीच तनातनी का कई बार असर दिखा है। भारत के अलावा अमेरिका भी वियतनाम के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है। इसी को लेकर चीन और अमेरिकी के बीच कई बार तीखी बयानबाजी भी देखने को मिली थी।