अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा, विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान जारी कर कहा, “भारत तेल और गैस का बड़ा आयातक है, ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार बदल रहे हालात में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की हिफाजत करना हमारी प्राथमिकता रही है और हमारी आयात नीतियां इसी उद्देश्य से तय होती हैं।”
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ऊर्जा की कीमतों को स्थिर बनाए रखना और इसकी आपूर्ति को सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दो लक्ष्य हैं।
‘अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत’, ट्रंप का दावा
गुरुवार शाम को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जहां तक इस बात का सवाल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कल कोई बातचीत हुई है तो मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है।”
निर्मला सीतारमण ने साफ किया था रुख
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने ही एक टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में साफ किया था कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा।
वित्त मंत्री ने कहा था, “चाहे रूसी तेल हो या कुछ और, यह हमारा फैसला है कि हम उस जगह से खरीदें जो हमारी जरूरतों के अनुकूल हो, चाहे वह दरों, लॉजिस्टिक्स या फिर किसी भी मामले में हो। इसलिए, हम अपना तेल कहां से खरीदते हैं, इसके लिए हमें वही जगह चुननी होगी जो हमारे लिए सबसे अच्छी हो क्योंकि हम इसके लिए बहुत ज्यादा भुगतान करते हैं। हम इसे खरीदते रहेंगे।”
ट्रंप ने जब भारत पर एडिशनल 25% टैरिफ लगाया था तो इसके पीछे यही वजह बताई थी कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है और इसलिए उस पर पेनल्टी लगाई गई है। भारत अमेरिका के द्वारा लगाए गए कुल 50% टैरिफ का सामना कर रहा है।
भारत अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ को कई बार गलत बता चुका है। भारत ने कहा था कि अमेरिका ने ही भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रेरित किया था।