पुलवामा आतंकी हमले के विरोध में भारत ने पाकिस्तान से व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाले देश (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा छीन लिया है। पाकिस्तान जो कि पहले ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, उसे भारत के इस फैसले से बड़ा झटका लग सकता है। बता दें कि भारत ने साल 1996 में ही पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था, लेकिन पाकिस्तान द्वारा आज तक भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा नहीं दिया गया है। पाकिस्तान द्वारा भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने के बजाए Non-Discriminatory Access Agreement किया गया है। इसके तहत पाकिस्तान ने भारत से आयात होने वाले 1950 उत्पादों पर टैरिफ नहीं लगाने का फैसला किया था। वहीं 1209 उत्पादों के भारत से आयात पर पाकिस्तान ने रोक लगायी हुई है। वहीं भारत द्वारा पाकिस्तान को काफी उत्पादों पर टैरिफ घटाए गए हैं।
क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जाः जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (GATT) के अनुच्छेद 1 के मुताबिक वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के सभी सदस्य देश अन्य सदस्य देशों को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा प्रदान करेंगे। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ही दुनिया भर के देशों के बीच होने वाले व्यापार के नियम तय करती है और दुनिया के 164 देश इसके सदस्य हैं। इस तरह दुनिया का 98% व्यापार वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के नियमों के मुताबिक होता है। मोस्ट फेवर्ड नेशन के तहत देशों को दर्जा प्राप्त देशों के साथ व्यापार में किसी तरह का भेदभाव नहीं करना होता है और सभी के साथ व्यापार के मामले में समान व्यवहार करना होता है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के सभी सदस्यों को दूसरे सदस्य देशों को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देना होता है, लेकिन कई देशों ने आपसी संबंधो के आधार पर इस मामले में भेदभाव किया हुआ है। भारत और पाकिस्तान के संबंधों में उतार-चढ़ाव के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार भी प्रभावित हुआ है।
2 नवंबर, 2011 को पाकिस्तान की कैबिनेट ने भी भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा देने संबंधी फैसला लिया था, लेकिन अभी तक यह फैसला लागू नहीं किया जा सका है। उरी हमले के बाद भारत सरकार ने भी पाकिस्तान को दिए मोस्ट फेवर्ड नेशन के दर्ज की समीक्षा करने की बात कही थी, लेकिन बाद में इस पर कोई फैसला नहीं किया गया। अब पुलवामा हमले के विरोध में सरकार ने यह कड़ा फैसला लेने का फैसला किया है।
[bc_video video_id=”6002499190001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]
क्या होगा इस फैसले का पाकिस्तान पर असरः भारत और पाकिस्तान के बीच 2000-01 से 2005-06 के बीच व्यापार में साढ़े तीन गुना की तेजी आयी थी और यह 251 मिलियन डॉलर से बढ़कर 869 मिलियन डॉलर हो गया था। मौजूदा वक्त में भारत और पाकिस्तान के बीच 17,200 करोड़ का सालाना व्यापार होता है। साल 2007 में भारतीय काउंसिल ऑफ रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनोमिक रिलेशंस ने भारत और पाकिस्तान के बीच 11.7 बिलियन डॉलर (46,098 करोड़ रुपए) के सालाना व्यापार की संभावना जतायी थी। लेकिन दोनों देशों के संबंधों में तनाव के चलते यह व्यापार वित्तीय वर्ष 2017 के दौरान सिर्फ 2.29 बिलियन डॉलर ही रहा, जो कि भारत के कुल व्यापार का सिर्फ 0.35% ही है। अब मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनकर भारत, पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग कर उसकी इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा सकता है।