India On Arunachal Pradesh: चीन बार-बार अरुणाचल प्रदेश को अपने देश का हिस्सा बताता रहा है। बीते हफ्ते चीन के रक्षा मंत्रालय ने फिर से अपनी बात दोहराई थी। हालांकि, भारत ने अब उसको करारा जवाब दिया है और उसके बयान को बेतुका और बकवास बताया है। भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था और हमेशा रहेगा। भारत की विकास यात्रा का फायदा अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भी मिलता रहेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि चीन के द्वारा इस तरह के दावे बार-बार करने से सच्चाई नहीं बदलने वाली है। अरुणाचल प्रदेश पहले से ही भारत का हिस्सा है और आगे भी रहेगा। वहां के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

पीएम मोदी ने सेला टनल का किया था उद्घाटन

बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी ने सेला टनल का उद्घाटन किया है। 825 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को बीआरओ ने तैयार किया है। यह दुनिया की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सुरंग है। यह करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इस टनल का सबसे बड़ा फायदा यह रहेगा कि तंवाग सेक्टर में एलएसी पर जवानों को आसानी से हथियार मुहैया कराए जा सकेगें। इसके बाद ही चीन ने अरुणाचल को लेकर बयान दिया था।

भारत और चीन के रिश्तों में सुधार नहीं

पूर्वी लद्दाख में 2020 में सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की ओर से तैनात सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुलाने के संबंध में चीन के अड़ियल रवैये की वजह से उसके द्विपक्षीय संबंध अभी तक सामान्य नहीं हो सके। यहां तक कि कई दौर की राजनयिक और सैन्य वार्ता भी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी बलों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और चीन के कम से कम चार सैनिकों की मौत हो गई थी। इस झड़प के बाद बार्डर पर पहले से भी ज्यादा स्थिति खराब हो गई।