भारत सरकार ने कलर टीवी सेट्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। सरकार के इस कदम के पीछे स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना एक वजह माना गया है। साथ ही इसे चीन जैसे देशों से गैरजरूरी सामान के आयात पर निर्भरता कम करने के लक्ष्य के तौर पर देखा जा रहा है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि कलर टेलिविजन की आयात नीति को संशोधित कर मुफ्त से प्रतिबंधित किया जा रहा है।
बता दें कि भारत के इस फैसले की सबसे बड़ी चोट चीन को पड़ने वाली है। इस साल 31 मार्च को पूरे होने वाले वित्त वर्ष तक भारत में जो कलर टीवी आयात किए गए, उनकी कीमत 78.10 करोड़ डॉलर्स (करीब 5800 करोड़ रुपए) थी। इसमें वियतनाम से आने वाले टीवी की कीमत 42.80 करोड़ डॉलर (करीब 3200 करोड़ रुपए) थी, वहीं चीन से भी 29.20 करोड़ डॉलर (करीब 2184 करोड़ रुपए) के कलर टेलिविजन आयात किए गए थे।
डीजीएफटी के प्रतिबंधों के तहत अब विदेशों से आने वाले सभी साइज (36 सेमी से लेकर 105 सेमी) के आयात पर बैन लग जाएगा। किसी भी सामान को प्रतिबंधित कैटेगरी में रखने का मतलब है कि अब भारत में विदेशी टीवी बेचने के लिए व्यापारियों को वाणिज्य मंत्रालय के डीजीएफटी से इंपोर्ट लाइसेंस हासिल करना होगा।
बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले तीन महीने से लद्दाख पर स्थित एलएसी पर तनाव जारी है। गलवान घाटी में हुई दोनों सेनाओं की झड़प के बाद से तो सरकार देश में चीनी निवेश को सीमित करने की कोशिश में जुटी है। इसके तहत भारत चीन से आयात को भी कम करने में जुटा है। इससे पहले अप्रैल में ही सरकार अपनी एफडीआई नीति में बदलाव किए थे। इसके तहत जिन भी देशों की सीमाएं भारत के साथ लगती हैं, उनसे आने वाले निवेशों को सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी।
भारत ने सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये का जवाब देने के लिए रेलवे और सड़क के कई टेंडर से चीनी कंपनियों को बाहर कर दिया है। इसके अलावा भारत में 59 चीनी ऐप्स को बैन किया जा चुका है। इनमें टिकटॉक, वी चैट और कैम स्कैनर जैसी कई अहम ऐप्स शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि भारत को आयातित सोलर पैनल्स पर भी निर्भरता कम करनी होगी। बता दें कि सोलर पैनल्स बड़ी मात्रा में चीन से ही इंपोर्ट होते हैं। इसके अलावा ऊर्जा मंत्री आरके सिन्हा कह चुके हैं कि चीन और पाकिस्तान से ऊर्जा से जुड़े उपकरण नहीं आयात करेंगे।