एशिया कप फाइनल से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले संभावित मुकाबले की चर्चा जोरों पर है। इसी बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विवादित मुद्दे पर अपनी राय रखी है, जो टूर्नामेंट के दौरान भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने के मामले से जुड़ा है। थरूर ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भावनाएं समझ में आती हैं, लेकिन खेल को राजनीति और सेना के झगड़ों से अलग रखना चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई उन्होंने बताया, “अगर मैच खेलने का फैसला हो गया है, तो खेल भावना के साथ खेलना चाहिए। पाकिस्तान के साथ खेलना है, तो हाथ मिलाना भी चाहिए था। 1999 में कारगिल युद्ध के समय भी भारत ने इंग्लैंड में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था और तब भी खिलाड़ी हाथ मिला रहे थे। खेल की भावना हमेशा अलग होती है, यह देशों या सेनाओं के झगड़े से नहीं जुड़ी होती।”
थरूर ने यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है। उनका कहना था कि अगर पाकिस्तानी टीम पहली बार अपमानित होने के बाद दूसरी बार ऐसा करती है, तो दोनों तरफ खेल भावना की कमी दिखाई देती है। वरिष्ठ नेता के मुताबिक, दोनों देशों की प्रतिक्रियाओं में खेल भावना की कमी साफ नजर आती है।
बीसीसीआई ने 21 सितंबर को सुपर फोर मैच में पाकिस्तान के खिलाड़ियों साहिबजादा फरहान और हारिस रऊफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। फरहान ने अपने अर्धशतक का जश्न विवादित तरीके से मनाया, बल्ले को बंदूक की तरह दिखाया, जो लोगों को बहुत असंवेदनशील लगा। वहीं रऊफ ने भारतीय खिलाड़ियों और दर्शकों को ताने देने के लिए विवादित इशारे किए। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और दोनों खिलाड़ियों की कड़ी आलोचना हुई।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहले भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ भी दो शिकायतें दर्ज कराई थीं। भारत ने भी मैच में पाकिस्तान को पराजित किया। अब एशिया कप फाइनल में इन दोनों टीमों के बीच फिर से मुकाबला होने वाला है और सबकी नजरें इस हाई-वोल्टेज गेम पर टिकी हुई हैं। खेल प्रेमियों के लिए यह मैच सिर्फ क्रिकेट नहीं, बल्कि भावनाओं और खेल भावना का भी टेस्ट होगा।